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झारखंडी हित में नहीं है सीएनटी संशोधन : शिबू

खरसावां : सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक झारखंडियों के हित में नहीं है. राज्य सरकार यह विधेयक वापस ले अन्यथा राज्यभर में जनांदोलन होगा. हम गोली खा सकते हैं, लेकिन अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकते. लोग अपनी संस्कृति व परंपरा को बचाने के लिए आगे आयें. उक्त बातें झामुमो सुप्रीमो सह अध्यक्ष शिबू सोरेन […]

खरसावां : सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक झारखंडियों के हित में नहीं है. राज्य सरकार यह विधेयक वापस ले अन्यथा राज्यभर में जनांदोलन होगा. हम गोली खा सकते हैं, लेकिन अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकते. लोग अपनी संस्कृति व परंपरा को बचाने के लिए आगे आयें. उक्त बातें झामुमो सुप्रीमो सह अध्यक्ष शिबू सोरेन ने कहीं. वे रविवार को खरसावां में आदी संस्कृति व विज्ञान संस्थान के तत्वावधान में आयोजित उलगुलान जनाक्रोश सभा को संबोधित कर रहे थे.

अस्मिता की रक्षा के लिए आदिवासी एकजुट हो : कुणाल

बहरागोड़ा विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि राज्य सरकार बहुमत के घमंड में हमारी अस्मिता पर चोट कर रही है. सरकार आंदोलनकारियों को सम्मान देना भूल गयी है.

कार्यक्रम को तोरपा विधायक पौलुस सुरीन, चक्रधरपुर विधायक शशिभूषण सामड व मनोहरपुर विधायक जोबा माझी ने भी राज्य सरकार पर सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन कर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया. सभा को आदि संस्कृति व विज्ञान संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष सतीश चंद्र बुड़िउली, जिलाध्यक्ष दामोदर सिंह हांसदा ने संबोधित किया. संचालन संस्थान के उपाध्यक्ष गुरुचरण बांकिरा व धन्यवाद ज्ञापन बाबूराम सोय ने किया. मंच पर पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा, झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य, सोहन लाल कुम्हार, करम सिंह मुंडा समेत अन्य मौजूद थे.

दोहरी राजनीति कर रही भाजपा : गागराई

खरसावां विधायक दशरथ गागराई ने कहा कि एक तरफ रघुवर दास सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन कर रहे हैं. दूसरी ओर उन्हीं की पार्टी के अर्जुन मुंडा अखबारों में इससे उलट बयान दे रहे हैं. भाजपा दो तरह की बात कर लोगों को गुमराह कर रही है. श्री गागराई ने कहा कि बंद पड़े अभिजीत स्टील व जूपिटर सीमेंट कंपनी को चालू करे, अन्यथा किसानों को जमीन वापस करें.

अपनी संस्कृति व परंपरा को मिटने नहीं देंगे : चंपई

सरायकेला विधायक चंपई सोरेन ने कहा कि सरकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक व स्थानीय नीति वापस नहीं लेती है, जो जनांदोलन होगा. हमारे पूर्वजों ने कभी गुलामी नहीं स्वीकारी है, हम भी गुलामी स्वीकार नहीं करेंगे. ईचा खरकई डैम बनने नहीं देंगे. चाईबासा विधायक दीपक बिरुआ ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन किसी भी हाल में स्वीकार नहीं होगा.

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