जिला मुख्यालय पर न दुकानें खुलीं, न वाहन चले
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टैक्स बढ़ाने के विरोध में सरायकेला रहा बंद
जिला मुख्यालय पर न दुकानें खुलीं, न वाहन चले नगरवासियों ने घरों से निकलकर किया बंद का समर्थन सरायकेला : सरायकेला नगर पंचायत की ओर से टैक्स वृद्धि और एनजीओ के मार्फत टैक्स वसूली के विरोध में गुरुवार को जिला मुख्यालय व मुख्य बाजार बंद रहा. इस बंदी का नगरवासियों ने समर्थन किया. गुरुवार को […]
नगरवासियों ने घरों से निकलकर किया बंद का समर्थन
सरायकेला : सरायकेला नगर पंचायत की ओर से टैक्स वृद्धि और एनजीओ के मार्फत टैक्स वसूली के विरोध में गुरुवार को जिला मुख्यालय व मुख्य बाजार बंद रहा. इस बंदी का नगरवासियों ने समर्थन किया. गुरुवार को सरायकेला में सुबह से शाम तक एक भी दुकान नहीं खुली. सरायकेला से जमशेदपुर व चाईबासा जाने वाले वाहन भी नहीं चले. स्थानीय लोगों के अनुसार सरायकेला में इस तरह की बंदी उन्होंने इसके पहले कब
टैक्स बढ़ाने के विरोध में…
देखा था, उन्हें याद नहीं. नगरवासियों का कहना है जबतक टैक्स में हुई बढ़ोतरी वापस नहीं ली जाती है, तबतक किसी एनजीओ को नगर पंचायत में टैक्स वसूली करने नहीं दिया जायेगा. बंद को सफल बनाने के लिए नगरवासी स्वयं घरों से निकले.
जनजागरण मोर्चा ने की सभा (फोटो22एसकेएल3)
बंद के समर्थन में जनजागरण मोर्चा ने स्थानीय दुर्गापूजा मैदान में आमसभा की. इसमें टैक्स बढ़ोतरी के विरोध में नगरवासियों ने खुलकर अपना पक्ष रखते हुए इसे वापस लेने की मांग की. मोर्चा ने कहा कि जबतक टैक्स बढ़ोतरी वापस नहीं ली जाती है, तबतक आंदोलन जारी रहेगा.
नगरवासियों ने एसडीओ को ज्ञापन सौंप निकाली रैली (फोटो22 एसकेएल6)
बंद के दौरान बुद्विजीवी मंच के नेतृत्व में नगरवासियों ने टैक्स बढोतरी वापस लेने की मांग पर मुख्यमंत्री के नाम एसडीओ दीपक कुमार को ज्ञापन सौंपा. इसके बाद रैली निकाली गयी, जो नगर पंचायत कार्यालय पहुंची. यहां कार्यपालक पदाधिकारी के अनुपस्थिति में ज्ञापन की प्रति नगर पंचायत के बड़ाबाबू को सौंपी गयी. इस दौरान आक्रोशित नगरवासियों ने नगर पंचायत के खिलाफ नारे लगाये. मौके पर मोर्चा के अध्यक्ष सत्यकिंकर दाश उर्फ रुईदाश, सचिव आलोक साहू, मनोज चौधरी, उपाध्यक्ष दिलीप शंकर आचार्य, ललित चौधरी, आह्लाद मोहांती, अभिनव मोहांती, हरमोहन दाश, रामनाथ मोहंती, अरुण कुमार, दुलाल राना, मदन पड़िहारी, कालिया रथ, दुखुराम साहू आदि मौजूद रहे.
2007-08 में दोगुना बढ़ा था टैक्स : मुख्यमंत्री के नाम एसडीओ को सौंपे गये ज्ञापन में टैक्स वृद्धि वापस लेने की मांग की गयी. वर्ष 1996-97 में नगर पंचायत के अधिकारी व बुजुर्ग लोगों ने पक्के मकान के लिए अधिकतम 50 पैसे व खपरैल मकान के लिए 35 पैसे कर निर्धारण किया था. वर्ष 2007-08 के पश्चात लोगों को बिना जानकारी दिए टैक्स में दोगुना बढ़ोतरी की गयी. अब हॉल्डिंग टैक्स के रूप में पूर्व से लगभग 105 गुना अधिक वृद्धि कर दी गयी. नगरवासियों ने नियमानुसार टैक्स में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि करने व एनजीओ से टैक्स वसूली पर रोक लगाने की मांग की है.
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