– शचिंद्र दाश/सत्येंद्र राम –
सीनी (खरसावां) : दक्षिण पूर्व रेलवे के एक मात्र सीनी इंजीनियरिंग कारखाना विगत एक दशकों से आधुनिकीकरण की बाट जोह रही है. 1923 में स्थापित सीनी इंजीनियरिंग कारखाना के प्रति रेलवे की बेरुखी से न तो पुराने मशीनों को बदल कर आधुनिक मशीन लगा और न ही इसका विस्तार किया गया. इस वर्ष के रेल बजट से सीनी वर्क शॉप के कर्मचारियों को काफी उम्मीदें है. उम्मीद है कि कारखाना के आधुनिकीकरण के लिये रेल बजट में विशेष पैकेज की घोषणा होगी.
क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी लंबे अरसे से उक्त कारखाने को मॉर्डन बना कर उत्पादन क्षमता बढ़ाने की मांग रेलवे से करते आ रहे है, परंतु उनकी आवाज दिल्ली में बैठे रेलवे के आकाओं तक पहुंचने से पहले ही कहीं गुम हो जाती है.
पुराने मशीनों बदलने की योजना खटाई में: कारखाना में पुराने मशीनों के कारण उत्पादन भी प्रभावित हो रही है. पिछले वर्ष सितंबर माह में दिल्ली रेलवे बोर्ड की एक टीम ने कारखाना का निरीक्षण कर पुराने मशीन बदल कर इसके आधुनिकीकरण करने संबंधी अनुशंसा की है. हर वर्ष संस्थान की ओर से भी पुराने मशीन को बदल कर नये मशीन लगाने के लिये बोर्ड के पास लिखा जा रहा है, परंतु अब तक मशीन नहीं बदला जा सका है. उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिये एक अलग से शेड बनाने का भी प्रस्ताव रेलवे के पास है.
गुस ज्वाइंट सेक्शन में उत्पादन ठप: सीनी कारखाना के 11 सेक्शन में कल पूर्जा बनने के साथ साथ पुल निर्माण के सामान बनाये जाते है. परंतु पिछले एक माह से गुस ज्वाइंट सेक्शन में उत्पादन ठप है. अधिकारी बताते है कि 60 किलो के गुस ज्वाइंट का उत्पादन कच्चे माल की कमी के कारण ठप है, जबकि 52 किलो के गुस ज्वाइंट की मांग नहीं है. इस वर्ष 32.5 टन क्षमता के एक्सल गार्डर का निर्माण भी वर्क सॉप में किया जा रहा है, जिसका उपयोग पुल निर्माण में किया जा रहा है.
गार्डर उत्पादन के लिये बोर्ड की ओर से दिये गये लक्ष्य को भी पूरा कर लिया गया है.
अप्रैल से नवंबर तक लक्ष्य से कम उत्पादन: इन दिनों वर्क शॉप में सालाना उत्पादन तीन हजार से साढ.े तीन हजार टन के बीच होता है. रेलवे बोर्ड के उपेक्षा के कारण दिनों दिन यहां उत्पादन घटते जा रहा है. पिछले एक दशक के आंकडों पर नजर डाले तो वित्तीय वर्ष 2006-07 व 2008-09 को छो 2002 से 2013 तक हर वर्ष उत्पादन लक्ष्य से अधिक रहा है. परंतु चालू वित्तीय वर्ष के आंकड़ों पर नजर डाले तो सिर्फ दिसंबर माह में ही लक्ष्य से अधिक उत्पादन हुआ है, जबकि अप्रैल से नवंबर तक हर माह लक्ष्य से कम उत्पादन दर्ज किया गया है.
सीनी इंजीनियरिंग कारखाना : एक नजर में
क्या है मांग ?
पुराने मशीन को बदल कर नया मशीन लगाया जाये, आधुनिकीकरण किया जाये, खाली पड़े पदों को भरा जाये
क्या होगा लाभ ?
वर्क शॉप के आधुनिकीकरण से उत्पादन के साथ साथ रोजगार के संसाधन में भी बढ़ोतरी होगी.
क्या है सीनी वर्क शॉप की क्षमता ?
सालाना तीन हजार 372 टन का उत्पादन
क्या बनता है सीनी वर्क शॉप में ?
इस वर्क शॉप में कुल 11 सेक्शन है, जिसमें मशीन शॉप, मोटर सॉप, जेक टूल कॉपोरेटर शॉप, हेबी रिपेयररिंग शॉप, क्रोशिंग शॉप, इलेक्ट्रीकल शॉप, प्लानिंग शॉप ग्लूड ज्वॉईन शॉप शामिल है. सीनी वर्क शॉप के इन 11 विभागों में कल पूर्जा बनने के साथ साथ पुल निर्माण, पुल बेस गाडर, प्लेटफॉर्म सेल्टर, ग्लुड ज्वाईन, पुस ट्रोली, दो लाईन को जोने वाली टूल, ओवर ब्रिज निर्माण के उपकरण समेत रेलवे के कई महत्वपूर्ण उपकरण तैयार किये जाते है. इस वर्ष 32.5 टन क्षमता के मॉर्डन एक्सल गार्डर का निर्माण भी वर्क सॉप में किया जा रहा है, जिसका उपयोग पुल निर्माण में किया जा रहा है.