खरसावां : खरसावां से छह किमी की दूरी पर स्थित आमदा डुंगरी में पांच सौ बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य एक माह से ठप है. अस्पताल निर्माण के शिलान्यास को दो साल से अधिक समय गुजर गया है, परंतु अब तक दो ईंट की जुड़ाई तक भी नहीं हो सकी है. अस्पताल भवन की नींव तक की भी खुदाई नहीं की गयी है.
इस अस्पताल की आधारशिला 11 नवंबर 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा व स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुमरू ने रखी थी. निर्माण कार्य के नाम पर सिर्फ उबड़ खाबड़ जमीन (डुंगरी) का जमीन का समतलीकरण किया गया है. अब तक न तो अस्पताल भवन की नींव खोदी गयी है और न ही दो ईंट की जुड़ाई हो सकी है. फिलहाल अस्पताल का निर्माण कार्य ठप है.
ऐसे में विभाग की ओर से तय की गयी समय पर इसका निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना कहीं से नहीं लग रही है. अस्पताल के बन जाने से ही स्वस्थ्य संबंधी समस्याएं दूर हो जायेगी. यह कोल्हान का सबसे बड़ा अस्पताल होगा तथा हर तरह की आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. वर्तमान में सरायकेला-खरसावां व पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्वास्थ्य सेवा की कोई खास व्यवस्था नहीं की गयी है. क्षेत्र के अधिकांश लोगों को अब भी जमशेदपुर व निजी नरसिंह होम पर निर्भर रहना पड़ता है. इस अत्याधुनिक अस्पताल के बन जाने से खरसावां ही नहीं, बल्कि कोल्हान के सभी तीन जिलों के लोगों को लाभ मिलेगा.
यहां रेल व सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है. खरसावां व दुमका में बन रहे पांच सौ बेड के अस्पताल को बाद में मेडिकल कॉलेज में तब्दील करने की योजना है. इसी को ध्यान में रखने हुए स्थल चयन किया गया है. शिलान्यास में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा व तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुमरू भी इस बात की घोषणा कर चुके हैं.