28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सीनी वर्क शॉप: पहली छमाही में लक्ष्य से कम उत्पादन

शचिंद्र कुमार दाश, खरसावां सीनी स्थित दक्षिण पूर्व रेलवे के एक मात्र इंजीनियरिंग वर्क शॉप को वित्तीय वर्ष 2015-16 में 3350 टन उत्पादन का लक्ष्य मिला है, परंतु पहले छह माही में 30 सितंबर 2015 तक लक्ष्य से कम उत्पादन हुआ है. वर्क शॉप में प्रत्येक माह 279.17 टन उत्पादन का लक्ष्य है. सितंबर 2015 […]

शचिंद्र कुमार दाश, खरसावां

सीनी स्थित दक्षिण पूर्व रेलवे के एक मात्र इंजीनियरिंग वर्क शॉप को वित्तीय वर्ष 2015-16 में 3350 टन उत्पादन का लक्ष्य मिला है, परंतु पहले छह माही में 30 सितंबर 2015 तक लक्ष्य से कम उत्पादन हुआ है. वर्क शॉप में प्रत्येक माह 279.17 टन उत्पादन का लक्ष्य है. सितंबर 2015 तक वर्क शॉप में 1675.02 टन उत्पादन का लक्ष्य था, परंतु अप्रैल से सितंबर 2015 तक 1395.63 टन का ही उत्दान हुआ है.

चालू वित्तीय वर्ष में शुरुआत के तीन माह अप्रैल, मई व जून माह में लक्ष्य से कम उत्पादन हुआ है, जबकि जुलाई, अगस्त व सितंबर में लक्ष्य से अधिक उत्पादन दर्ज किया गया है. अप्रैल माह में 142. 10 टन, मई माह में 125 टन, जून में 140.32 टन, जुलाई में 301.45 टन, अगस्त में 349.92 टन, सितंबर में 336.84 टन का उत्पादन हुआ है. वित्तीय वर्ष 2014-15 में भी यहां लक्ष्य से कम उत्पादन हुआ था. पिछले एक दशक के आंकड़ों पर नजर डालें, तो सीनी रेलवे वर्क शॉप में वित्तीय वर्ष 2005-06, 2007-08, 2010-11, 2012-13 को छोड़ हर वर्ष उत्पादन लक्ष्य से कम रहा है.

कई महत्वपूर्ण कल पूर्जे तैयार होते हैं सीनी वर्क शॉप में. सीनी स्थित दक्षिण पूर्व रेलवे के एक मात्र इंजीनियरिंग वर्क शॉप में कुल 11 सेक्सन हैं, जिसमें मशीन शॉप, मोटर शॉप, जेक टूल कॉपोरेटर शॉप, हेबी रिपेयेरिंग शॉप, क्रोशिंग शॉप, इलेक्ट्रिकल शॉप, प्लानिंग शॉप, ग्लूड ज्वॉईन शॉप आदि शामिल हैं. सीनी वर्क शॉप के इन 11 विभागों में कल पूर्जा बनने के साथ-साथ पुल निर्माण, पुल बेस गाडर, प्लेटफॉर्म सेल्टर, ग्लुड ज्वाइन, पुस ट्रॉली, दो लाइन को जोड़ने वाली टूल, ओवर ब्रिज निर्माण के उपकरण समेत रेलवे के कई महत्वपूर्ण उपकरण तैयार किये जाते हैं. इन 11 में कुछ सेक्शन में फिलहाल उत्पादन ठप है. वर्क शॉप में कर्मचारियों की कमी व समय पर कच्चे माल की आपूर्ति नहीं होने के कारण भी उत्पादन प्रभावित हो रहा है.

पुराने मशीनों बदलने की योजना खटाई में. कारखाना में पुराने मशीनों के कारण उत्पादन भी प्रभावित हो रही है. पिछले वर्ष दिल्ली रेलवे बोर्ड की एक टीम ने कारखाना का निरीक्षण कर पुराने मशीन बदल कर इसके आधुनिकीकरण करने संबंधी अनुशंसा की है. हर वर्ष संस्थान की ओर से भी पुराने मशीन को बदल कर नये मशीन लगाने के लिए बोर्ड के पास लिखा जा रहा है, परंतु अब तक मशीन नहीं बदला जा सकता है. उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए एक अलग से शेड बनाने का भी प्रस्ताव रेलवे के पास है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें