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पुजारी का निधन, हाथीखेदा मंदिर का कपाट रहेगा बंद
पटमदा : पटमदा व बोड़ाम के प्रसिद्ध हाथीखेदा मंदिर के पूर्व पुजारी सह मुख्य पुजारी गिरजा प्रसाद सिंह के पूज्य पिता लखीकांत सिंह सरदार का शुक्रवार को उनके लावजोड़ा स्थित घर पर निधन हो गया. उम्र होने के कारण समय-समय पर वे बीमार रहते थे. स्वर्गीय लखीकांत सिंह सरदार का जन्म लावजोड़ा गांव में दो […]
पटमदा : पटमदा व बोड़ाम के प्रसिद्ध हाथीखेदा मंदिर के पूर्व पुजारी सह मुख्य पुजारी गिरजा प्रसाद सिंह के पूज्य पिता लखीकांत सिंह सरदार का शुक्रवार को उनके लावजोड़ा स्थित घर पर निधन हो गया.
उम्र होने के कारण समय-समय पर वे बीमार रहते थे. स्वर्गीय लखीकांत सिंह सरदार का जन्म लावजोड़ा गांव में दो जनवरी 1931 को हुआ था. लखीकांत सिंह सरदार के निधन से पूरे लावजोड़ा गांव शोक में डूबा रहा. शुक्रवार अपराह्न दो बजे स्वर्गीय लखीकांत सिंह सरदार का पेतृक गांव लावजोड़ा में ही सामाजिक रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. शव यात्रा में विभन्न गांव के पंचायत प्रतिनिधि सह गांव के गणमाण्य लोग शामिल हुए. स्वर्गीय लखीकांत सिंह सरदार ने अपने पीछे पत्नी सहचरी सिंह, बेटा गिरजा प्रसाद सिंह व अरविंद सिंह, बेटी कल्याणी सिंह समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गये है.
मंदिर के मुख्य पुजारी गिरजा प्रसाद सिंह ने बताया कि उनके पिता लखीकांत सिंह सरदार के निधन होने से हाथीखेदा मंदिर का कपाट आगामी 15 अक्तूबर तक बंद रहेगा. किसी किसी प्रकार की पूजा पाठ नहीं होगी. मंदिर आने वाले भक्तों को भी वापस लौटना पड़ेगा. 16 अक्तूबर से मंदिर में पूजा आरंभ होगा.
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