संवाददाता, खरसावां सरायकेला व खरसावां वन क्षेत्र कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है. ऐसे में विभाग को खरसावां व सरायकेला वन क्षेत्र में वन पाल व रक्षियों की कमी से कार्य करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. विभाग के अधिकारी भी फॉरेस्ट गार्ड की कमी के बावजूद किसी तरह कार्य कर रहे है. सरायकेला के वन क्षेत्र पदाधिकारी सुरेश प्रसाद खरसावां के भी अतिरिक्त प्रभार पर है. सरायकेला में वन रक्षियों के लिये स्वीकृत 26 पदों में से सिर्फ दो पदों पर ही पदस्थापना है, जबकि वन रक्षियों के 24 पद रिक्त पड़े हुए है.
इसी तरह वन पाल के लिये स्वीकृत चार में से तीन पदों पर पदस्थापना है. इसमें भी एक वनपाल जगता सवैया 31 सितंबर को सेवानिवृत होंगे. वनपाल पीके राय को कांड्रा, डीएन कर्मा को राजनगर व गम्हरिया व जगता सवैया को सरायकेला क्षेत्र का प्रभार दिया गया है. इसी तरह खरसावां वन क्षेत्र में वनरक्षी के लिये 23 पद स्वीकृत है. जिसमें सिर्फ एक पद पर ही पदस्थापना है, जबकि वन रक्षियों के 22 पदों रिक्त पड़े हुए है. वनपाल के लिये स्वीकृत तीन पदों में से सिर्फ एक पद पर ही वनपाल जयचंद सिंह की पदस्थापना है. जयचंद सिंह पर खरसावां, कुचाई समेत पूरे क्षेत्र का प्रभार है.
रात को हाथी भगाने के लिए आवश्यक सर्च लाइट तक भी विभाग के पास नहीं है. वनपाल व रक्षियों के कार्य वनों की सुरक्षा करना, जंगलों की कटाई न हो यह सुनिश्चित करना, वन क्षेत्र में सड़क, पुल, चैक डैम, कुंआ, भवन बनाने समेत अन्य विकास कार्य करना, वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त करना, जंगली जानवरों को जंगल की ओर खदेड़ना व जंगली जानवरों की सुरक्षा करना