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72 घंटा हाई अलर्ट घोषित
आपदा को लेकर डीसी की अध्यक्षता में हुई बैठक सरायकेला : दो दिन पूर्व आयी जलजले से जिले में कहीं से भी जान माल की क्षति की खबर नहीं आयी है, लेकिन जिला प्रशासन ने आपदा से निबटने के लिए चक्रवाती तूफान को लेकर जिले में अगले 72 घंटा तक यानी 29 अप्रैल तक हाई […]
आपदा को लेकर डीसी की अध्यक्षता में हुई बैठक
सरायकेला : दो दिन पूर्व आयी जलजले से जिले में कहीं से भी जान माल की क्षति की खबर नहीं आयी है, लेकिन जिला प्रशासन ने आपदा से निबटने के लिए चक्रवाती तूफान को लेकर जिले में अगले 72 घंटा तक यानी 29 अप्रैल तक हाई अलर्ट घोषित कर दी है. सोमवार को उपायुक्त चंद्रशेखर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस संबंध में जिले के सभी पदाधिकारियों को उचित दिशा- निर्देश देकर संपर्क में रहने का निर्देश दिया गया है. बैठक में अधिकारियों से आम जनता को आपदा के लक्षण बता कर सतर्क रहने के लिए अपील करने का निर्देश दिया गया.
इसके तहत बताया गया कि तेज हवा के साथ आकाश में अचानक कम ऊंचाई वाले बादल दिखे तो पहली बूंद के आधे घंटे के अंदर कहीं भी आंधी तूफान,ओला वृष्टि व वज्रपात हो सकती है. इसके अलावा बिजली चमकने व गड़गड़ाने की आवाज के बीच का अंतराल 30 सेकेंड से कम हो या गहरे रंग का आसमानी घेरा दिखे तो समङो कि वज्रपात हो सकती है. आपके पांच किमी की परिधि पर बिजली चमकती है या ठनका गिरता है, तो अगला झटका आपके पास हो सकता है.
बैठक में बताया गया कि अगले 72 घंटे तक आम जनता सतर्कता के साथ सावधान रहे, ताकि किसी प्रकार की आपदा ना हो.
सहायता राशि संग्रह कर नेपाल भेजेगी प्रशासन
सरायकेला. पड़ोसी देश नेपाल व भारत के विभिन्न प्रांतों में भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदा से हुए जान-माल की क्षति के सहायता हेतु राशि का संग्रह कर सहायता राशि को जिला प्रशासन प्रधानमंत्री राहत कोष में भेजेगी. उक्त जानकारी देते हुए रेड क्रॉस सोसाइटी के कार्यालय सचिव डॉ डीडी चटर्जी ने कहा कि रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष सह उपायुक्त चंद्रशेखर की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया है, कि जिले के सभी पदाधिकारी व कर्मचारी अपने एक दिन का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करना सुनिश्चित करेंगे.
उपायुक्त ने जिले के सभी निकासी व व्यसन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे संबंधित सभी कर्मियों का चेक या नकद अध्यक्ष सह उपायुक्त रेड क्रॉस सोसाइटी के नाम पर रेड क्रॉस के कार्यालय में जमा करेंगे. डॉ चटर्जी ने कहा कि इससे पूर्व रेड क्रॉस द्वारा वर्ष 2002 में सुनामी पीड़ितों, वर्ष 2004 में गुजरात भूकंप , वर्ष 2007 में बिहार बाढ़, वर्ष 2009 में कश्मीर भूकंप व वर्ष 2013 में उत्तराखंड त्रसदी के लिए राशि का संग्रह कर प्रधानमंत्री राहत कोष में सहायता राशि को भेजा जा चुका है. जानकारी हो कि दो दिन पूर्व नेपाल में हुए भूकंप से सैकड़ों लोगों की जान माल की क्षति हुई है.
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