राजनगर : निजी विद्यालयों में सरकार की नकेल कसे जाने से निचले व मध्यम वर्ग के लोगों में खुशी है. सभी निजी विद्यालय यदि मानव संसाधन विभाग द्वारा की गयी घोषणा का अमल करते हैं तो निचले एवं मध्यम वर्ग के अभिभावकों को अपने बच्चे को निजी विद्यालयों में पढ़ाने का बोझ हल्का हो जायेगा. बताया जाता है कि जिले के उपायुक्तों को भी कहा गया है कि निजी विद्यालय के प्रधान शिक्षकों को भी री एडमिशन फी नहीं लेने का आदेश फरमान जारी किया गया है.
क्या कहते हैं अभिभावक
खंडाडेरा निवासी सीताराम हांसदा का कहना है कि निजी विद्यालय कुकुरमुत्ते की तरह खोले जा रहे थे. मानचाहा पैसा वसूल किया जा रहा था. हालांकि राजनगर में री एडमिशन के नाम तो पैसा नहीं लिया जाता था. मगर राजनगर के विद्यार्थी बाहर में पढ़ रहे हैं. उनके लिए री एडमिशन के नाम पर काफी रुपयों की उगाही की जाती है.
अब इस पर लगाम लगने से अभिभावकों को राहत मिल जायेगी. मुरुमडीह निवासी घासीराम तांती का कहना है कि निजी विद्यालय में री एडमिशन पर रोक लगाये जाने से हम गरीब लोगों को अच्छी शिक्षा दे पायेंगे. पहले बच्चों को पढ़ाने के लिए भी सोचना पड़ता था.
अब सोच में बदलाव लाकर अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे. छोटा कांकी निवासी भीमसेन मंडल ने कहा कि सरकार के मानव संसाधन विभाग की घोषणा स्वागत योग्य है. जितनी भी तारीफ की जाये कम है. सरकार इस तरह घोषणा करने के बाद अमल किये जाने से जनता के सुख के दिन आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों में री एडमिशन को खत्म होने से अभिभावक राहत मिल जायेगी.