वित्तीय संकट में अभिजीत ग्रुप, बैंकों से नहीं मिल रहा ऋण
खरसावां : अभिजीत ग्रुप इनदिनों वित्तीय संकट से जूझ रहा है. इस संकट से जूझते हुए छह माह से अधिक का समय हो गया है. सरायकेला-खरसावां मुख्य मार्ग पर बुरुडीह के पास स्थित अभिजीत ग्रुप के स्टील प्लांट पर भी कंपनी के वित्तीय संकट का असर दिख रहा है.
यहां प्लांट परिसर में सिविल वर्क पूरी तरह से ठप है, जिसका सीधा असर क्षेत्र के लोगों के रोजगार पर पड़ रहा है. कभी इस प्लांट में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर चार से पांच हजार लोग काम कर रहे थे, परंतु अब करीब आठ सौ से एक हजार लोगों को ही प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है.
जानकारी के अनुसार कंपनी को बैंक से ऋण नहीं मिलने के कारण ही प्लांट के कार्य पर असर पड़ा है. प्लांट को पटरी पर लाने में अब भी कम से कम तीन से चार माह का समय और लग सकता है. प्लांट में कार्य बंद होने का असर सरायकेला व खरसावां के बाजारों पर भी पड़ा है.
246 कर्मियों कोवेतन नहीं
फिलहाल में बुरुडीह स्थित कंपनी में निर्माण कार्य तो ठप है, परंतु कंपनी के 246 स्टाफ ही प्लांट के अंदर व बाहर आवाजाही करते देखे जा रहे है. प्लांट के कामगारों का चार से पांच माह तक का वेतन बकाया है. सीनियर स्टाफ को पांच माह से वेतन नहीं मिला है, जबकि जूनियर स्टाफ का चार माह के वेतन लंबित है.
प्लांट के कर्मचारी भी अब कंपनी प्रबंधन के खिलाफ स्वर तेज करने लगे है. सूत्र बताते है कि बैंक से लोन नहीं मिलने के कारण ही कामगारों के वेतन पर भी असर पड़ा है. कंपनी के वैसे कामगारों को नियमित रूप से वेतन मिल रहा है, जिन्होंने प्लांट लगाने के लिए कंपनी को अपनी जमीन दी है.
2 हजार करोड़ से अधिक निवेश
बुरुडीह स्थित अभिजीत ग्रुप के प्लांट में अब तक कंपनी दो हजार करोड़ से अधिक राशि का निवेश कर चुकी है. सूत्रों के अनुसार अब तक कंपनी के सरायकेला खरसावां प्रोजेक्ट पर करीब 10 हजार करोड़ का निवेश होगा.