क्षेत्र में शांति बनी रही, सुदूरवर्ती गांव में बैठक की सूचना
पुलिस द्वारा पत्थलगड़ी का मामला बताये जाने से ग्रामीणों में आक्रोश
बंदगांव : नक्सल अभियान के नाम पर कथित पुलिसिया जुल्म के खिलाफ कराईकेला थाने के घेराव के अगले दिन क्षेत्र में शांति बनी रही. लेकिन बंदगांव प्रखंड झामुमो कार्यकर्ता सम्मेलन में यह मुद्दा छाया रहा.
इसमें चक्रधरपुर विधायक शशिभूषण सामड ने ग्रामीणों का समर्थन करते हुए दोषी जवानों पर कार्रवाई की मांग की. दूसरी ओर, मामले पर पुलिस ने थाना घेरने वाले ग्रामीणों पर कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया. एसपी पटेल मयूर कन्हैयालाल ने कहा कि थाने का घेराव करने व सड़क जाम करने वालों वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. हालांकि, रविवार को प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी. वहीं, घटना के मद्देनजर कराइकेला थाना कड़ी सुरक्षा घेरे में रहा. पुलिस द्वारा मामले को पत्थलगड़ी से जोड़े जाने से नाराज ग्रामीणों द्वारा सुदूरवर्ती गांव में बैठक किए जाने की अपुष्ट सूचना मिली है.
हिरणी फॉल में आयोजित झामुमो कार्यकर्ता सम्मेलन में विधायक शशिभूषण सामड ने कहा, ‘नक्सलियों को पनाह देने के आरोप में पुलिस निर्दोष ग्रामीणों के साथ मारपीट कर रही है, जो गलत है.
अगर कोई दोषी है तो उसे जेल भेजें. निर्दोष के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ग्रामीणों के घर पूजा स्थलों तक जूते पहन कर प्रवेश करती है और विरोध करने पर महिलाओं के साथ बदसलूकी की जाती है. कराइकेला पुलिस द्वारा गांवों में सर्च अभियान के दौरान कथित तौर पर महिलाओं को पीटने व कुत्ता से कटवाने की घटना को भयावह बताते हुए कहा विधायक ने कहा कि सरकार इस पर अविलंब अंकुश लगाये.
घटना के कारण नहीं टाला गया सम्मेलन
सूत्रों के अनुसार हिरणी फॉल में पूर्व से आयोजित झामुमो का कार्यकर्ता सम्मेलन राज्यसभा चुनावों के मद्देनजर टलने वाला था. लेकिन शनिवार की घटना के कारण नहीं टाला गया. विधायक सामड रांची से लौटकर इसमें शामिल हुए. सम्मेलन में मुद्दे को लेकर काफी हंगामा हुआ. नौ बजे से कार्यक्रम शुरू होने की तैयारी थी, जो तीन बजे विधायक के आने के बाद शुरू हो सकी. शाम करीब सात बजे तक विधायक बंदगांव क्षेत्र में रहे.
दो घायलों को रेफर किया, बाकी की छुट्टी : कथित रूप से पुलिस की पिटाई से घायल हुए दर्जन भर से ज्यादा लोगों को ग्रामीण अपने स्तर से चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल लेकर पहुंचे थे, जहां प्राथमिक उपचार के बाद दो घायलों को सदर अस्पताल चाईबासा रेफर कर दिया गया था, जबकि अन्य को छुट्टी दे दी गयी थी.
किले में तब्दील थाना
घेराव के दूसरे दिन कराईकेला थाना किले में तब्दील हो गया. भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. जिला पुलिस एवं जगुवार के जवान मुस्तैद रहे. जगह-जगह पुलिस की टुकड़ियां गश्त लगाती रहीं. समाचार लिखे जाने तक कराईकेला थाना क्षेत्र में शांति रही.