राज्य के पहले मिनी फीड प्लांट के लिए भूमिपूजन
चांडिल : चांडिल में राज्य के पहले मिनी फीड प्लांट के लिए सोमवार को विधिवत भूमि पूजन किया गया. भूमि पूजन समिति के अध्यक्ष नारायण गोप और सचिव श्यामल मार्डी द्वारा किया गया. चांडिल डैम के निकट मिनी फीड प्लांट का निर्माण मत्स्य विभाग के सहयोग से चांडिल बांध विस्थापित मत्स्यजीवी स्वावलंबी सहकारी समिति द्वारा किया जायेगा.
इसके लिए परियोजना से मत्स्य विभाग को दो एकड़ जमीन मुहैया करायी है. जानकारी देते हुए मत्स्य प्रसार पदाधिकारी धनराज आर काप्से ने बताया कि मिनी फीड प्लांट में पहले 30 गुणा 60 के शेड का निर्माण कराया जायेगा. जिसमें मशीन लगायी जायेगी व गोदाम के रूप में इस्तेमाल किया जायेगा.
क्या है फीड प्लांट
चांडिल डैम में प्रतिदिन मछली को 90 हजार रुपये मूल्य के लगभग तीन हजार किलोग्राम आहार (फीड) खिलाया जाता है. मिनी फीड प्लांट से प्रतिदिन दस क्वींटल फीड उत्पादन किया जायेगा. चांडिल का मिनी फीड प्लांट उत्तर भारत का प्रथम प्लांट होगा. वर्तमान समय में देश में 12 से 14 फीड प्लांट ही चालू हालत में है.
24 लोगों को रोजगार
श्री काप्से ने बताया कि 20 लाख की लागत से बनने वाले मिनी फीड प्लांट में 24 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. एक वर्ष के बाद प्लांट को बढ़ाकर दोगुना किया जायेगा. आने वाले वर्ष में प्लांट से प्रति घंटा 2 टन फीड का उत्पादन का लक्ष्य है. फीड बनाने के लिए उपयोग में लाये जाने वाले कच्चे पदार्थ लोकल से ही लिये जायेंगे, जिससे क्षेत्र में कृषि को बढ़ावा मिलेगा. फीड के लिए दाल का भूंसा, सरसों का खल्ली, मक्का, धान, सोयाबीन आदि की आवश्यकता होती है. मिनी प्लांट के लगने से क्षेत्र में दाल, सोयाबीन और सरसों की खेती को बढ़ावा मिलेगा. लोकल से सामान लेने से फीड की लागत 18 से 22 रुपये की बीच आयेगा.