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नंगा व उलटा लटकाकर की पिटाई

राजनगर. चार दिन बाद छूटे वीरेंद्र ने पुलिस पर लगाये कई गंभीर आरोप रिवॉल्वर सटा जान से मारने की धमकी देकर अपराध कबूलने को कहा प्रज्ञा केंद्र में डकैती मामले में पुलिस ने 10 नवंबर को हिरासत में लिया था राजनगर : प्रखंड के खैरकोचा स्थित प्रज्ञा केंद्र में हुई डकैती के मामले में पकड़े […]

राजनगर. चार दिन बाद छूटे वीरेंद्र ने पुलिस पर लगाये कई गंभीर आरोप

रिवॉल्वर सटा जान से मारने की धमकी देकर अपराध कबूलने को कहा
प्रज्ञा केंद्र में डकैती मामले में पुलिस ने 10 नवंबर को हिरासत में लिया था
राजनगर : प्रखंड के खैरकोचा स्थित प्रज्ञा केंद्र में हुई डकैती के मामले में पकड़े गये बनकाटी गांव के युवक वीरेंद्र मंडल को राजनगर पुलिस ने चार दिन बाद मंगलवार को बिना कोई वैधानिक कार्रवाई किये छोड़ दिया. लेकिन विगत चार दिनों में पुलिस अधिकारियों द्वारा पूछताछ के नाम पर उसके साथ अकारण जो अमानवीयता बरती गयी, वह संबंधित अधिकारियों की कार्यशैली को प्रश्नों के घेरे में खड़ा करने के लिए काफी है.
याद रहे कि विगत छह नवंबर की रात अज्ञात अपराधियों ने खैरकोचा स्थित प्रज्ञा केंद्र से कंप्यूटर, कैमरा एवं नगद लूट लिया था. राजनगर पुलिस विगत 10 नवंबर को उस म मामले में बनकाटी निवासी वीरेंद्र मंडल को उसके घर से पकड़ ले गयी, लेकिन चार दिनों तक उसे कोर्ट में पेश नहीं किये जाने अथवा नहीं छोड़े जाने पर उसके पिता ने मंगलवार को एसपी चंदन कुमार सिन्हा से मिल कर वीरेंद्र को छोड़े जाने की गुहार लगायी. उसके बाद पुलिस ने वीरेंद्र को शाम के समय बिना कोई कार्रवाई किये छोड़ दिया. छूटने के बाद वीरेंद्र ने डीएसपी एवं थानेदार तथा अन्य पुलिस अधिकारियों पर नंगा कर तथा उलटे लटकाकर मारपीट कर जख्मी करने, जख्मों पर पेट्रोल डाल कर प्रताड़ित करने तथा
रिवॉल्वर सटाकर जान से मार डालने की धमकी देने के साथ ही घर की महिलाओं के साथ भी दुर्व्यवहार करते हुए तलाशी लेने का आरोप लगाया है. वीरेंद्र का आरोप है कि घर से पकड़ने के बाद उसे अलग – अलग स्थानों पर रखते हुए पूछताछ के नाम पर न सिर्फ उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गयी, बल्कि डीएसपी सहित पुलिस अधिकारियों ने उसे उलटा लटकाकर भी बुरी तरह पीटा, जिससे उसके शरीर पर कई जगह जख्म बन गये. इतना ही नहीं पुलिस अधिकारियों ने उसके जख्मों पर पेट्रोल डाल कर उसे प्रताड़ित किया, जिसके कारण उसे चलने-फिरने में भी तकलीफ हो रही है. वीरेंद्र के अनुसार उसे पुलिस अधिकारियों ने रिवॉल्वर सटाकर जान से मारने की धमकी देते हुए लूट का अपराध कबूल लेने का दबाव भी बनाया गया.
इतना ही नहीं उसने घर की महिलाओं को धक्का देकर अंदर प्रवेश करने एवं पूरे घर की तलाशी लेने का आरोप लगाने का आरोप भी लगाया. उसके अनुसार पुलिस अधिकारियों ने उसे छोड़ने के नाम पर उसके परिजनों से दो हजार रुपये भी वसूल लिये.
याद रहे कि पुलिस के पकड़ ले जाने बाद चार दिन तक वीरेंद्र का कहीं पता नहीं चलने पर उसके पिता ने मंगलवार को ग्रामीणों के साथ जिले के पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा से मिल कर उनसे बेटे के साथ न्याय की गुहार लगायी. उसके बाद मंगलवार शाम पुलिस ने उसे बिना कोई कानूनी कार्रवाई किये छोड़ दिया. वीरेंद्र तथा उसके पिता ने सवाल किया है
कि अगर वह दोषी था तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की गयी, अगर वह निर्दोष है तो उसे इतने अमानवीय तरीके से प्रताड़ित क्यों किया गया. पुलिस द्वारा उसे बिना कोई वैधानिक कार्रवाई किये छोड़े जाने से स्पष्ट है कि पुलिस उसके विरुद्ध कोई साक्ष्य अथवा वारदात में उसकी संलिप्तता नहीं ढूंढ पायी, फिर उसके साथ शारीरिक रूप से हुई मारपीट के साथ ही मानसिक रूप से प्रताड़ना का क्या औचित्य था, या उसकी भरपाई कैसे होगी.

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