अग्नि कुंवारी पूजा में हठभक्ति दिखाते हैं भक्त
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मुरुप में एकादशी को होती है पूजा अंगारों पर नंगे पांव चलते हैं भक्त
अग्नि कुंवारी पूजा में हठभक्ति दिखाते हैं भक्त मान्यता है कि भक्तों की सच्चे मन से मांगी हर मन्नत होती है पूरी सरायकेला : सरायकेला प्रखंड अंतर्गत मुरुप गांव में दशमी के अगले दिन एकादशी को मां दुर्गा की पूजा-अर्चना होगी. हालांकि मंदिर में बीते 20 दिनों से देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना शुरू है. मंदिर […]
मान्यता है कि भक्तों की सच्चे मन से मांगी हर मन्नत होती है पूरी
सरायकेला : सरायकेला प्रखंड अंतर्गत मुरुप गांव में दशमी के अगले दिन एकादशी को मां दुर्गा की पूजा-अर्चना होगी. हालांकि मंदिर में बीते 20 दिनों से देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना शुरू है. मंदिर परिसर में 20 फीट गहरा व दो फीट चौड़ा गड्ढा खोदकर अग्नि कुंड बनाया गया है. यहां एकादशी के दिन अग्नि कुंवारी पूजा होगी. यहां भक्त देवी को प्रसन्न करने के लिए दहकते अंगारों पर नंगे पांव दौड़ेंगे. देवी दुर्गा की कृपा से भक्तों के पांव में छाले तक नहीं पड़ते हैं. मन्नत के अनुसार महिला व पुरुष भक्त कंटीले झाड़ियों पर लेटकर भक्ति की परीक्षा देते हैं. भक्तों की हटभक्ति देखने हरवर्ष यहां हजारों लोग जुटते हैं.
गांव के नाया करते हैं देवी की पूजा
यहां पर देवी दुर्गा की पूजा गांव के नाया यानि देउरी करती हैं. मंदिर में कई वर्षों से पुजारी के रूप में रामनाथ होता, लखिन्द्र प्रधान, कुथलु प्रधान व गौर दास पूजा-अर्चना कर रहे हैं. पुजारी रामनाथ होता ने बताया कि माता दरबार में भक्तों की हर मुराद पूरी होती है. भक्त अपने मन्नत के अनुसार बलि पूजा कराते हैं. एकादशी के दिन भैंसा व सैकड़ों बकरे का बलि पूजन किया जाता है.
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