खरसावां : सरकारी निर्देश के बावजूद खरसावां के बड़ाबांबो स्थित प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय में इस वर्ष प्लस टू में नामांकन नहीं हो सका. इसका मुख्य कारण है स्कूल में शिक्षकों की कमी. सरकार की ओर से उक्त विद्यालय में चालू सत्र में ही प्लस टू (इंटरमीडिएट) की पढ़ाई शुरू करने का निर्देश जारी किया गया था.
याद रहे कि वर्ष 2007-08 में ही इस स्कूल में प्लस टू की पढ़ाई के लिए दोमंजिला भवन भी तैयार कराया गया था, लेकिन यह स्कूल फिलहाल एकमात्र शिक्षक के भरोसे चल रहा है. प्लस टू की पढ़ाई के लिए स्कूल में अब तक एक भी शिक्षक की पदस्थापना या प्रतिनियुक्ति नहीं हुई है. ज्ञात हो कि इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को प्लस टू करने के लिए 20 किमी दूर चक्रधरपुर या खरसावां जाना पड़ता है.
शिक्षकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित : शिक्षकों की कमी के कारण यहां माध्यमिक स्कल का पठन-पाठन भी प्रभावित हो रहा है. स्कूल में पदस्थापित एकमात्र गणित के शिक्षक राजेंद्र यादव प्रभारी प्राचार्य के पद पर भी कार्यरत हैं, जिससे कार्यालय के सारे कार्य भी उन्हें ही करने होते हैं तथा उनको ही स्कूल की माध्यमिक कक्षाओं में भूगोल, इतिहास के साथ अंग्रेजी व हिंदी की कक्षाएं भी लेनी पड़ती हैं. ध्यातव्य है कि श्री यादव भी आगामी दिसंबर में सेवानिवृत्त हो जायेंगे. शिक्षकों के आठ पद रिक्त :
माध्यमिक स्कूल के लिए इस स्कूल में शिक्षकों के नौ पद स्वीकृत हैं, जिनमें फिलहाल आठ पद रिक्त पड़े हैं. लंबे समय से स्कूल में शिक्षकों की पदस्थापना की मांग हो रही है, लेकिन अब तक एक भी शिक्षक की पदस्थापना नहीं हो सकी है. इसके अलावा स्कूल में तीन पियन एवं एक क्लर्क पदस्थापित हैं. प्रभारी प्राचार्य श्री यादव के कार्यालय के कार्य से कहीं जाने की स्थिति में क्लर्क देवनाथ सिंह मुंडा ही कक्षा संचालित करते हैं.
स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण ही अब तक इंटर में नामांकन शुरू नहीं हुआ है. मुझे नौवीं व दसवीं कक्षाओं को पढ़ाने के साथ ही कार्यालय के कार्य भी करने पड़ते हैं. गणित का शिक्षक होने के बावजूद मुझे अन्य विषय भी पढ़ाने पड़ते हैं. शिक्षकों के पदस्थापन के विभाग को कई बार लिखा गया है, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया है. शिक्षकों के बिना प्लस टू में नामांकन लेने व पढ़ाई शुरू कराने में परेशानी होगी.
प्रभारी प्राचार्य, राजेंद्र यादव