खरसावां-कुचाई : तसर अंडे का प्रोडक्शन शुरू, एक लाख डीएफएल उत्पादन का लक्ष्य
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3.5 करोड़ तसर कोसा उत्पादन का लक्ष्य
खरसावां-कुचाई : तसर अंडे का प्रोडक्शन शुरू, एक लाख डीएफएल उत्पादन का लक्ष्य खरसावां : खरसावां व कुचाई में वित्तीय वर्ष 2017-18 में साढ़े तीन करोड़ तसर कोसा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. इसको लेकर तसर की खेती शुरू कर दी गयी है. 15 जून के आस-पास से ही डीएफएल (तसर कीट के अंडे) […]
खरसावां : खरसावां व कुचाई में वित्तीय वर्ष 2017-18 में साढ़े तीन करोड़ तसर कोसा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. इसको लेकर तसर की खेती शुरू कर दी गयी है. 15 जून के आस-पास से ही डीएफएल (तसर कीट के अंडे) का उत्पादन शुरू हो गया है. खरसावां में इस वर्ष एक लाख डीएफएल उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक करीब पांच हजार अंडों का उत्पादन हो चुका है. डीएफएल उत्पादन के पश्चात ही रेशम दूत में डीएफएल वितरीत कर कीट पालन किया जायेगा.
अंडा से कीट तैयार होने में नौ दिनों का समय लगता है. रेशम दूत कीट पालन कर तसर कोसा तैयार करेंगे. छत्तीसगढ़ से भी मंगाये जायेंगे डीएफएल: तसर के अंडा उत्पादन के लिए 28 डिग्री तापमान को उपयुक्त माना जाता है. बारिश होने पर डीएफएल के उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है. मॉनसून के आने में हो रही देरी के कारण तसर अंडा (डीएफएल) का उत्पादन प्रभावित हो रहा है. खरसावां पीपीसी में डीएफएल का उत्पादन कम होने पर छत्तीसगढ़ के बोयदादर, बिलाशपुर व पाली से डीएफएल लाने की तैयारी हो रही है.
डीएफएल की कीमत छह व 12 रुपये: राज्य सरकार ने एक डीएफएल पर छह रुपये तथा केंद्र सरकार ने 12 रुपये तय किया है. फिलहाल किसानों को खरसावां पीपीसी से उधारी में डीएफएल की आपूर्ति की जा रही है. फसल तैयार होने पर किसानों को डीएफएल की कीमत पीपीसी में जमा करनी होगी. दस हजार परिवार तसर की खेती से है जुड़े : खरसावां-कुचाई क्षेत्र में करीब दस हजार परिवार तसर की खेती से जुड़े हुए है. वर्तमान में एक तसर कोसा की कीमत करीब तीन रुपये है. राज्य में 2700 मीट्रिक टन तसर उत्पादन का लक्ष्य: चालू वित्तीय वर्ष में पूरे राज्य में 2700 मीट्रिक टन तसर उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. विदित हो कि पिछले एक दशक से कोल्हान में सबसे अधिक तसर कोसा का उत्पादन खरसावां व कुचाई क्षेत्र में हो रहा है.
वित्तीय वर्ष कोकून उत्पादन
2007-08 60 लाख
2008-09 2 करोड़
2009-10 2.5 करोड़
2010-11 3.5 करोड़
2011-12 4.48 करोड़
वित्तीय वर्ष कोकून उत्पादन
2012-13 4.5 करोड़
2013-14 एक करोड़
2014-15 दो करोड़
2015-16 तीन करोड़
2016-17 तीन करोड़
वित्तीय वर्ष 2017-18 में खरसावां व कुचाई क्षेत्र में साढ़े तीन करोड़ तसर कोसा के उत्पादन के लक्ष्य के साथ कार्य किया जा रहा है. उत्पादन अधिक बढ़ाने के लिए किसानों को विभाग की ओर से हर तरह का सहयोग किया जायेगा.
सुनील कुमार शर्मा, अग्र परियोजना पदाधिकारी, खरसावां
मॉनसून के जल्द से जल्द आने का इंतजार है, ताकि अच्छी तरह से ग्रेनेज का कार्य हो सके. केंद्र की सेंट्रल सिल्क बोर्ड को चाहिए कि डीएफएल की कीमत राज्य की तरह छह रुपये करें.
मानकी मुंडा, किसान, मुरुदडीह, कुचाई
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