राजमहल : राज्य के गरीब व सम्मानित लोग थाना जाने से डरते हैं. किसी प्रशासनिक अधिकारी से वार्तालाप करने में हिचकते हैं. क्योंकि यहां कि प्रशासनिक व्यवस्था इसी प्रकार की रही है. थाना पुलिस सुरक्षा, सहयोग के लिए और विधि व्यवस्था बनाने के लिए होता है लेकिन यहां कि पुलिस लोगों को डराती है. इसे बदलना होगा और इसे बदलने के लिए गांव की सरकार बनानी होगी. उक्त बातें शनिवार को आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने राजमहल के मटियाल स्थित चरवाहा मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कही.
उन्होंने कहा कि यदि गांव की सरकार बनती है तो सुबे में अमन-चैन का वातावरण होगा, क्योंकि लोकतंत्र में सभी की भूमिका अहम है. इसलिए व्यवस्था को आम जनों के अनुकूल बनाया जायेगा. प्रशासनिक पदाधिकारी और आम लोगों के बीच का बंधन टूटेगा और सभी समन्वय बनाकर काम करेंगे. गरीब-अमीर सभी तबके के बच्चों की शिक्षा की बात होगी.
उन्होंने कहा कि यदि सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन का प्रावधान है तो इसके साथ-साथ मदरसा स्कूलों में भी मध्याह्न भोजन दिया जायेगा. राजमहल के निषाद व चांय जाति के साथ सालों से छलावा किया जा रहा है. यदि गांव की सरकार बनती है तो पहले कैबिनेट में निषाद और चांय जाति के मामले पर विचार करेंगे. झारखंड के सपनों को साकार करेंगे. झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान देने का काम होगा. राज्य में नये सिरे से विकास की राजनीति शुरू करेंगे.
जनसभा के संबोधन के पश्चात सुदेश महतो रवाना हो गये, इसके बाद पार्टी प्रत्याशी एमटी राजा ने नामांकन किया. मौके पर केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत, केंद्रीय सदस्य केदार महतो, प्रवक्ता अजय कुमार सिंह, अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष मोहम्मद हसन हाशमी, चतुरानंद पांडे, सैयद बाबर अशरफ, मंडल मुर्मू सहित अन्य उपस्थित थे.
जनसभा के दौरान टूटा मंच
जनसभा के दौरान मंच पर भीड़ हो जाने के कारण मंच टूट गया. जिसके कारण थोड़ी देर के लिए लोगों में अफरा-तफरी मच गयी, हालांकि इस घटना में किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ. वहीं, सुदेश महतो ने कहा की जब इतने लोग जुड़ेंगे तो ऐसी छोटी घटनाएं तो होंगी ही.
झामुमो पर किया तीखा वार
शनिवार को आयोजित चुनावी जनसभा के दौरान आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने झारखंड मुक्ति मोर्चा पर तीखा वार किया. उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक दल ने संथाल परगना को लूटने का काम किया है. हेमंत सोरेन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चांदी की चम्मच से खाने वाले गरीब के हितैषी कैसे हो सकते हैं. विरासत की राजनीति कर लोगों को मूर्ख बना रहे हैं. हालांकि, इस दौरान भाजपा के केंद्रीय अध्यक्ष अमित शाह के एक बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा और आजसू एक नहीं है. इस बार के चुनाव में आमने-सामने की लड़ाई है.