प्रतिनिधि, बरहेट (साहिबगंज) : बरहेट विधायक सह राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर तीन प्रखंडों को मिलाकर बरहेट को अनुमंडल बनाने की 20 साल पुरानी मांग को धरातल पर उतारने की तैयारी तेज हो गयी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सचिव पंकज मिश्रा व साहिबगंज युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष संजय गोस्वामी ने यह जानकारी मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद दी है. नेताद्वय ने बताया कि सीएमओ के आदेश पर उपायुक्त हेमंत सती व अपर समाहर्ता गौतम भगत ने अनुमंडल बनाने को लेकर बीडीओ अंशु कुमार पांडे को जमीन चिह्नित करने का लेकर निर्देश दिया है. एक सप्ताह के अंदर हर हाल में जमीन चिह्नित करने का आदेश दिया गया है. संभावना जतायी जा रही है कि 30 जून को राज्य के मुख्यमंत्री बड़ी घोषणा कर सकते हैं. जानकारी के अनुसार, तीन एकड़ जमीन में बरहेट अनुमंडल कार्यालय भवन बनेगा. बरहेट अनुमंडल में बरहेट, पतना, बरहरवा प्रखंड शामिल होंगे. चर्चा है कि अनुमंडल कार्यालय का निर्माण बरहेट बाजार के आसपास या भोगनाडीह में बनने की संभावना है. हालांकि जमीन चिह्नित करने का काम अभी चल रहा है. इसके बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि मुख्यालय कहां पर बनेगा. तीनों प्रखंड में 3 लाख 90 हजार से अधिक की जनसंख्या है. अगर जमीन समेत अन्य सर्वे का कार्य अगर पूरा हो जायेगा तो राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 30 जून के संभावित कार्यक्रम में इसकी घोषणा कर सकते हैं.
2005 से अनुमंडल बनाने को लेकर उठी है मांग
बरहेट को अनुमंडल बनाने की मांग वर्ष 2005 से उठ रही है. क्षेत्र को अनुमंडल बनाने के लिए विधानसभा में भी चर्चा की गयी थी. बरहेट में 22 ,पतना में 13 व बरहरवा में 25 पंचायत है. बरहरवा व पतना के सभी पंचायत राजमहल अनुमंडल के अधीन आते हैं. बरहेट अभी साहिबगंज अनुमंडल में आता है. बरहेट से साहिबगंज की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है. यहां के लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. जैसे बरहेट की नौ पंचायत तलबाड़िया, कुसमा , छुछी , बोड़बांध, लबरी व भोगनाडीह, बरहरवा प्रखंड के कोटालपोखर, रिसौड़, रामनगर, बरारी, पलासबोना, श्रीकुंड, मयूरकोला तथा पतना प्रखंड से अर्जुनपुर, शहरी, तालझारी, लखीपुर, आमडंडा, छोटा रांगा पंचायत के गांव सुदूरवर्ती क्षेत्र से अनुमंडल की दूरी अधिक है. हर चुनाव में मुद्दा उठता है और लोग चाहते हैं कि बरहेट अनुमंडल बनाया जाये. पहली बार वर्ष 2005 में अनुमंडल बनाने की मांग भी उठी है, क्योंकि यह ऐतिहासिक, धार्मिक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है. अनुमंडल नहीं होने के कारण लोगों को छोटी-छोटी समस्याओं के लिए 60 -70 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है.कोट
बरहेट अनुमंडल मुख्यालय बनाने को लेकर बीडीओ सह सीओ अंशु कुमार पांडे को जमीन चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है, जल्द ही जमीन चिह्नित कर आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
गौतम भगत, जिला अपर समाहर्ता अधिकारी, साहिबगंजहाइलाइट्स
बरहेट को अनुमंडल बनाने की 20 साल पुरानी मांग को धरातल पर उतारने की तैयारी तेज बरहरवा, पतना व बरहेट की 60 पंचायतों मिलाकर बनेगा बरहेट अनुमंडल30 जून को हूल दिवस पर मुख्यमंत्री कर सकते हैं घोषणाकैप्शन – बरहेट प्रखंड मुख्यालय
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