साहिबगंज : जिले में गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की योजना में अबतक तेजी नहीं आयी है. हालांकि इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया गया था. इधर, गंगा किनारे साफ सफाई व शवदाह गृह बनाने व सिवरेज की योजना अब तक शुरू नहीं हो सकी है.
योजना की गति धीमी
जिले के चार प्रखंडों के 83 किलोमीटर क्षेत्र से होकर गंगा बहती है. गंगा का साफ करने के लिए गंगा रिवर ऑथरिटी बेसिन योजना के तहत गंगा बचाओ कार्यक्रम शुरू हुआ है. इसके लिए साहिबगंज व राजमहल में गंगा किनारे शवदाह गृह बनाने, शहरों की गंदगी को गंगा में आने से बचाने के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना बन रही है, लेकिन इसकी गति काफी धीमी है.
गंगा किनारे खाली पड़े स्थानों की पहचान कर वहां गार्डेन बनाने की योजना बन रही है. गंगा नदी के किनारे के ऐतिहासिक व दर्शनीय तथा धार्मिक स्थलों को जोड़ने व गंगा में मोटर वोट धार्मि स्थलों को जोडने व गंगा में मोटर वोट के माध्यम से पर्यटकों को सैर कराने की योजना राज्य का पर्यटन विभाग बना रहा है.
नेहरू युवा केंद्र व अन्य संगठनों की ओर से गंगा की सफाई के प्रति युवाओं के माध्यम से लोगों को जागरूक बनाने का कार्य किया जा चुका है. महाराजपुर से लेकर राजमहल तक चाइना क्ले का मलबा गंगा में प्रवाहित किया जाता है, इसकी जांच पूर्व उपायुक्त ने गंगा पंप नहर के अभियंता के कराने के बाद चाइना क्ले मालिकों पर कार्रवाई करने का निर्देश खनन पदाधिकारी व गंगा पंप नेहरू विभाग के अधिकारी को दिया था.
क्या कहते हैं पर्यावरणविद
साहिबगंज कॉलेज के डॉ रंजित कुमार सिंह ने बताया कि गंगा का प्रदूषण मुक्त करने का कार्य चल रहा है. तथा एनएसएस के माध्यम से भी इसके लिए लोगों को जागरूक बनाने की योजना बनी है. गंगा में प्लास्टिक सामान नहीं फेंकने, अंडर ग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम तथा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट बनाकर ही गंगा को प्रदूषण मुक्त किया जा सकता है.
क्या कहते हैं अपर समाहर्ता
अपर समाहर्ता त्रिवेणी कुमार बताते हैं कि गंगा की सफाई अभियान जिला में जन जागरूकता के साथ शुरू किया गया था. कई योजनाएं भी बनी है, सभी के सहायोग से इसे कार्यरूप दिया जाना है. साहिबगंज नगर पर्षद व राजमहल नगर पंचायत क्षेत्र में गंगा की सफाई के लिए इसमें गंदा पानी न गिरे इसके लिए योजना बनायी जा रही है. ये योजनाएं अभी स्वीकृत होकर ऊपर से नहीं आयी है.