24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रशासन ने नहीं दिखायी दिलचस्पी

2013 में जिले के उद्योग-धंधे की विकास गति रही धीमी – सुनील ठाकुर – साहिबगंज : जिले में उद्योग-धंधे के विकास को लेकर इस वर्ष भी कोई विशेष पहल नहीं हुई. सरकारी महकमा भी इस ओर कोई विशेष दिलचस्पी नहीं दिखाया. जिसके परिणाम स्वरूप कई स्थानों पर लघु उद्योग बंद हो गये व पहले से […]

2013 में जिले के उद्योग-धंधे की विकास गति रही धीमी

– सुनील ठाकुर –

साहिबगंज : जिले में उद्योग-धंधे के विकास को लेकर इस वर्ष भी कोई विशेष पहल नहीं हुई. सरकारी महकमा भी इस ओर कोई विशेष दिलचस्पी नहीं दिखाया. जिसके परिणाम स्वरूप कई स्थानों पर लघु उद्योग बंद हो गये व पहले से बंद पड़े है. जिसको खोलने के लिये को सरकार द्वारा भी कोई पहल नहीं हुई.

जिले में यदि किसी उद्योग के उदय और विकास की बात की जाय तो उसमें एक मात्र नाम पत्थर उद्योग है. वर्षो से चले आ रहे पत्थर उद्योग को सरकारी महकमा का भी पूरा सहयोग मिला. पूरे जिले में पत्थर उद्योग का जाल सा बिछा दिया गया. पत्थर उद्योग लगाने के लिए जितने भी लोग सामने आये, अधिकांश को इसमें सफलता मिली. प्रशासन ने भी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया. उद्योग विभाग से पीएमइजीपी के तहत बेरोजगारों को पत्थर उद्योग लगाने के लिए भारी भरकम ऋण की स्वीकृति प्रदान की गयी.

13 साल बाद भी नहीं हुआ औद्योगिक विकास

जिले में उद्योग की दसा इसी बात से लगाया जा सकता है कि झारखंड गठन के 13 वर्ष बाद भी कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हो सका. साहिबगंज जिले में बड़े उद्योग स्थापित नहीं होने के पीछे एक सबसे बड़ी समस्या एसपीटी एक्ट भी है.

अन्य उद्योग भी उपेक्षित:

बीड़ी उद्योग, बांस उद्योग, पत्ता उद्योग से जुड़े व्यवसायियों को कोई खास फायदा यहां के प्रशासन से नहीं मिल सका. हालांकि स्वर्ण जयंती ग्राम सव रोजगार योजना के तहत काफी संख्या में स्वयं सहायता समूह का गठन और उसे वित्त पोषित किया गया. लेकिन इनमें से एक दो समूह ही लाभान्वित हो अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सके. अधिकांश समूह द्वारा बैंक से ऋण की राशि का बंदर बांट कर लिया गया. इस तरह के कई मामले बैठकों में उठते रहे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें