साहिबगंज : बच्चों की छुपी प्रतिभा को निखारने के लिए चित्रकला बेहतर साधन है. कैनवास पर बच्चों की भावना खुल कर सामने आती है. इस प्रतिभा को निखारने के लिए शहर के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित कलाकुंज में सोमवार से पांच दिवसीय प्रदर्शनी शुरू हुई. इसका उदघाटन एसपी ए विजयालक्ष्मी दीप प्रज्वलित कर किया.
उन्होंने कहा कि कलाकुंज छुपी हुई प्रतिभा को निखारने का मंच है. प्रदर्शनी में लगायी गयी पेंटिंग्स का निरीक्षण करने बाद बच्चों व कलाकुंज के प्रयासों की सराहना की. कहा : जिस खुबसूरती से बच्चों ने अपनी कला को कैनवास पर उतारा है, वह तारीफ के काबिल है.
उन्होंने बच्चों को कला के गुर सिखा रहे शिक्षकों की भी तारीफ की. अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदर्शनी में चित्रकला के विभिन्न आयामों को दर्शाया गया है. कलाकार जीतू द्वारा मिट्टी से बनायी गयी स्वतंत्रता संग्राम की त्रिआयामी झांकी तथा पहाड़िया जनजाति के बच्चों द्वारा बनायी गयी चित्रकला मुख्य आकर्षण का केंद्र है.
इसके अलावा मिट्टी से बनी पेंटिंग्स, स्टैटचुआ लाइफ से बनी पेंटिंग, मोनोक्रोम, पॉलीक्रोम, वाटर कलर, ऑयल कलर, कैनवस पेंटिंग, स्कैचिंग, सूखे मेवे के शल्को से बनी गणपति की पेटिंग भी प्रदर्शनी में शामिल है.
मौके पर डीइओ उदयनारायण शर्मा, डीएसपी शशिभूषण, अनंत ओझा, डॉ ध्रुव भगत, डॉ विजय कुमार, डॉ नंद किशोर, डॉ रंजीत सिंह, बाबली सिन्हा, कलाकुंज प्राचार्या अनिता कुमारी, शिक्षक हेमंत पंडित, मो जाफर अली अंसारी, श्रवण कुमार मंडल, कलाकार मनीष कुमार बॉबी, रूपा दास, जूली कुमारी, ममता कुमारी, प्रीति कुमारी, अन्नपूर्णा कुमारी, जीतू कुमार, शुभम आनंद आशुतोष, मुरारी साह, नंदिता, मुजम्मिल खॉं, ओम , जागृति दास, लवली , सुमित, सिमंत दत्ता, अंकित, मसीह मालतो, एजीकल मालतो, रितिका जायसवाल, अंकिता, गुडिया रानी, सीता कुमारी, रंजीत कुमार, उत्पल मंडल, संजय कुमार सहित अन्य मौजूद थे.