बरहरवा : प्रखंड क्षेत्र के बंगालीपाड़ा, हाटपाड़ा, अब्दुल्लापुर, श्रीकुंड, पलासबोना आदि क्षेत्रों में पिछले छह माह से डेंगू का प्रकोप है. अब तक बरहरवा प्रखंड क्षेत्र के बंगालीपाड़ा में परिजनों के अनुसार चार लोगों की मौत डेंगू से हो गयी है. हर बार स्वास्थ्य विभाग जांच रिपोर्ट में पुष्टि नहीं होने की बात कहता है, लेकिन परिजन का कहना है
कि डॉक्टर के अनुसार उनके मरीज को डेंगू होने के कारण प्लेटलेट्स में लगातार गिरावट हुआ. इस कारण उनके मरीज की मौत हुई है. बरहरवा व इसके आसपास के क्षेत्रों में जिस प्रकार डेंगू के मरीज दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं उससे लोगों में डेंगू को लेकर एक भय का माहौल उत्पन्न हो गया है. ग्रामीणों का कहना है कि साहिबगंज में डेंगू के इलाज की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है. इस कारण वे लोग मजबूर होकर पश्चिम बंगाल के मालदा, कोलकाता व बिहार के भागलपुर के मायागंज अस्पताल जाते हैं. अगर हमारे क्षेत्र में डेंगू के इलाज की व्यवस्था प्रशासन कर देता है तो आज डेंगू से मौत का आंकड़ा नहीं बढ़ता.
मुहल्ले के आसपास फैली है गंदगी
बंगालीपाड़ा व इसके आसपास के क्षेत्र में खुला हुआ नाली व छोटे-छोटे गड्ढानुमा पोखर में कई सालों से गंदा पानी जमा हुआ है. जिससे बदबू भी आती है. कई जगह तो साफ पानी भी जमा है. गंदा पानी का निकासी नहीं रहने के कारण लोग खुले में ही घर का मल-मूत्र बहा रहे हैं. सड़क पर ही नाली बह रही है. उक्त गंदे पानी व साफ पानी में डेंगू मच्छर पनप रहे हैं. गांव में साफ-सफाई को लेकर न तो जागरूकता है और न ही कोई मुकम्मल व्यवस्था हो रही है. बंगालीपाड़ा के मछुआ पोखर की स्थिति और भी खराब है. जहां गंदगी का अंबार लगा रहता है. और पानी काफी गंदा है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
डेंगू को लेकर गांव में जागरूकता फैलायी जा रही है. सरकार की ओर से जो संसाधन उपलब्ध कराया गया है. उसी में बेहतर कार्य किया जा रहा है.
डॉ केके सिंह, सीएचसी प्रभारी
फॉगिंग के नाम पर होती
है खानापूर्ति
बंगालीपाड़ा व इसके आसपास के क्षेत्रों के ग्रामीणों का कहना है कि मुहल्ले में फॉगिंग की टीम इसके पहले भी आयी थी लेकिन सिर्फ खानापूर्ति करके चली गयी है. अगर सही ढंग से फॉगिंग होता तो आज मरीज की संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं होती. फॉगिंग के नाम पर विभाग लोगों को ठगने का काम कर रही है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में साफ-सफाई की सरकारी स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं है. गांव के तालाब व नाला में गंदा पानी जमा रहता है.