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जिले के 16 स्वास्थ्य केंद्रों में कोई चाइल्ड स्पेशलिस्ट नहीं

साहिबगंज : जिले के 16 स्वास्थ्य केंद्रों में एक भी शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं है. इसकी वजह से उधवा, राजमहल, बरहेट, बोरियो, पतना, तालझारी, मंडरो समेत विभिन्न प्रखंडों के लोगों को अपने बच्चों का इलाज कराने के लिये 14 से 53 किमी दूर जाना पड़ रहा है. आलम यह कि सर्दी खांसी जैसी छोटी-मोटी बीमारी […]

साहिबगंज : जिले के 16 स्वास्थ्य केंद्रों में एक भी शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं है. इसकी वजह से उधवा, राजमहल, बरहेट, बोरियो, पतना, तालझारी, मंडरो समेत विभिन्न प्रखंडों के लोगों को अपने बच्चों का इलाज कराने के लिये 14 से 53 किमी दूर जाना पड़ रहा है. आलम यह कि सर्दी खांसी जैसी छोटी-मोटी बीमारी होने पर भी बच्चों को साहिबगंज अस्पताल या निजी क्लीनिक में इलाज कराना पड़ता है. इससे एमसीएच पर भी बेवजह बोझ बढ़ रही है.

कोटालपोखर, बरहरवा क्षेत्र से साहिबगंज की दूरी 60 किमी है. ऐसे में वहां के बच्चों को साहिबगंज इलाज कराने आने में काफी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है. पैसे तो अधिक खर्च होते ही है समय की भी बर्बादी होती है. बहरहाल, पीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों की बहाली हो जाये तो गांव देहात के लाखों लोगों को इलाज कराने में सहूलियत होगी. उन्हें साहिबगंज या निजी क्लीनिक के चक्कर नहीं लगाने होंगे.

बाेले पदाधिकारी
एमसीएच में प्रतिदिन 60 से ज्यादा ऐसे बच्चों का इलाज किया जाता है. जो साधारण रोग से पीड़ित है.
डॉ महमूद आलम, विभागाध्यक्ष, शिशु रोग विभाग
बदहाली
60 फीसद बच्चों का जेएलएनएमसीएच में
हो रहा इलाज
चिकित्सकों की तैनाती नहीं रहने के कारण निजी क्लिनिक में इलाज कराने की बनी है मजबूरी

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