उधवा : प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में डेंगू फैला हुआ है. इससे लोगों में भय का माहौल उत्पन्न हो गया है. अब तक उधवा प्रखंड व आसपास के इलाके के लगभग एक दर्जन से अधिक लोग डेंगू की चपेट में आए हैं. इनमें से सभी मरीजों का इलाज पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी व […]
उधवा : प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में डेंगू फैला हुआ है. इससे लोगों में भय का माहौल उत्पन्न हो गया है. अब तक उधवा प्रखंड व आसपास के इलाके के लगभग एक दर्जन से अधिक लोग डेंगू की चपेट में आए हैं. इनमें से सभी मरीजों का इलाज पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में कराया गया. जिलेभर के सरकारी या गैर सरकारी अस्पताल में डेंगू के इलाज की व्यवस्था नहीं है. इससे क्षेत्र में भय का वातावरण है. कुछ लोग होम्योपैथिक की दवा इस्तेमाल कर रहे हैं,
तो कुछ लोग मच्छर से बचने के लिए अन्य दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, परंतु सरकारी महकमे से अब तक क्षेत्र में कोई ऐसी व्यवस्था नहीं की गयी है. हैरान कर देने वाली बात यह है कि डेंगू के प्रारंभिक लक्षण पाए जाने पर भी सरकारी महकमा यह मानने को तैयार नहीं है की मरीज डेंगू से पीड़ित हैं. जबकि पश्चिम बंगाल के अस्पतालों के डॉक्टर डेंगू की पुष्टि करते हैं.
एसपी पाउडर का किया गया छिड़काव : एक तरफ क्षेत्र में डेंगू बुखार पांव पसारे हुए हैं वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से एसपी पाउडर छिड़काव करने की बात कही गयी है. जबकि एसपी पाउडर का छिड़काव कालाजार एवं मलेरिया से बचाव हेतु किया जाता है. इस संबंध में डॉ खालिक अंसारी ने बताया कि इलाके में चारों तरफ गंदगी फैली हुई है. इसकी साफ-सफाई जरूरी है. जल जमाव एवं गंदगी से मच्छर उत्पन्न होते हैं. एसपी पाउडर का छिड़काव किया गया है.
गृह जिले में डेंगू के इलाज की सुविधा नहीं
जिलेभर में डेंगू के इलाज की व्यवस्था ना होना पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े करती है. जबकि पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल मालदा, मुर्सिदाबाद, फरक्का में इलाज संभव है, जो उधवा से महज 40 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. यही कारण है कि उधवा व बरहरवा के संदिग्ध डेंगू मरीज पश्चिम बंगाल में इलाज कराते हैं. उल्लेखनीय है कि साहिबगंज जिले में मरीज का ब्लड सैंपल भी जांच नहीं हो पाती है. इसे जांच हेतु रांची भेजा जाता है. जांच रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन लगना स्वाभाविक है. ऐसे में सरकारी सिस्टम सवाल के घेरे में आ जाता है.
डेंगू के सामान्य लक्षण
दर्द की जगह: आंखों का पिछला हिस्सा, जोड़, पीठ, पेट, मांसपेशी या हड्डियां
पूरे शरीर में: ठंड लगना, थकान, बुखार, या भूख न लगना
पेट और आंत संबंधी: उल्टी या मतली
त्वचा: चकत्ते या लाल धब्बे
यह होना भी आम है: आसानी से खरोंच जैसा निशान बन जाना या सिरदर्द इत्यािद होने पर डॉ का सलाह अवश्य लें.
डीएसओ से की राशन कार्ड में गड़बड़ी की शिकायत