साहिबगंज/बोरियो : स्वच्छ भारत मिशन के तहत इसीएल ललमटिया द्वारा सीएसआर के तहत साहिबगंज जिले के में 700 सरकारी स्कूलो में शौचालय निर्माण कराया गया था. इसमें 485 विद्यालयों के शौचालय चालू कर दिया गया व शेष 215 स्कूलों में पानी के अभाव में शौचालय का उपयोग छात्र नहीं कर पा रहे हैं.
ऐसे में स्वच्छ भारत बनाने का मिशन कैसे पूरा होगा यह बड़ा सवाल बना हुआ है. इन शौचालयों में सोलर पंप से जलापूर्ति की योजना थी. कुल 11 करोड़ रुपये की योजना में प्रति शौचालय पर सोलर पंप में 1.25 लाख रुपये खर्च करने थे. इसीएल ने राज्य सरकार के उपक्रम में 11 करोड़ राशि मुहैया करा दी थी. बावजूद इसके 215 शौचालयों में सोलर पंपसेट नहीं लगाया गया है. इससे छात्रों को काफी परेशानी होती है. खुले में शौच करना मजबूरी बनी हुई है.
जर्जर होने लगे शौचालय : शौचालय का निर्माण पीएचइडी साहिबगंज व प्रमंडल के स्तर से कराया गया है. वित्तीय वर्ष 2016-17 में मार्च तक ही कर लिया गया था. लेकिन जलापूर्ति के अभाव मे शौंचालय का उपयोग नहीं होने से भवन जर्जर होने लगा है. शौचालय में कई माह से ताला लटका हुआ है. लोहे का दरवाजा जर्जर होने लगा है.
केस स्टडी : टू
खुद करते खुले में शौच, ग्रामीणों को करते हैं जागरूक
उमवि गड़गामा में पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण निर्माणाधीन शौचालय का उपयोग नहीं हो रहा है. मिली जानकारी के अनुसार उक्त विद्यालय में लगभग 60 बच्चों का नामांकन है. ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार के अनुसार शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्चों को खुले में शौच जाना पड़ता है. खुद परेशान होने के बाद भी छात्र ग्रामीणों को खुले में शौच नहीं जाने को लेकर जागरूक करते हैं.
केस स्टडी-वन
चापाकल खराब, गंदा है शौचालय
इसीएल द्वारा प्रखंड के कई स्कूलों में शौचालय तो बना दिया गया है. लेकिन पानी के अभाव में इनका उपयोग नहीं हो रहा है. उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय छोटा पंचगढ़ में शौचालय के पास लगा चापाकल खराब है. गंदगी के कारण शौचालय में बच्चे नहीं जा पाते हैं. इस विद्यालय में सोलर पंप अब तक नहीं लगाया गया है.