बोरियो : सवैया मैदान में पूर्व मंत्री लोबिन हेंब्रम ने जनसभा में लोगों को संबोधित किया. पूर्व मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण बिल व धर्मांतरण बिल 2017 पारित करना आदिवासियों के हित में नहीं है. यह विधेयक पारित होना बताता है कि राज्य की सरकार झारखंड के मूलवासी आदिवासी समुदाय के हित में नहीं है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मूलवासी-आदिवासियों को आपस में लड़ाना चाहती है. झारखंड में जबरन अथवा प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने पर सात साल की सजा और एक लाख रुपये के आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है. यदि कोई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो उसे डीसी को आवेदन देना होगा. जो आदिवासी प्रखंड कार्यालय तक नहीं जा पाते वे डीसी के पास धर्म के सवाल पर कैसे जायेंगे. लोबिन ने कहा कि सरकार जानती थी कि लोग धर्मांतरण के सवाल पर बहस करेंगे.
लोगों का ध्यान उस विधेयक पर नहीं जाये इसलिए आदिवासियों की जमीन पर गैर-आदिवासियों के कब्जे को आसान बनाने के लिए विधानसभा में पारित करवा दिया है. विधानसभा में भाजपा के पास बहुमत है इसलिए ऐसे विधेयक पारित करवा रही है. कहा कि अब झामुमो एक बार फिर भूमि अधिग्रहण व धर्मांतरण बिल 2017 रद्द करने के लिए सड़क से संसद तक आंदोलन करेगा. मौके पर जेएमएम नेता ताला हांसदा, ग्राम प्रधान मुंशी हांसदा, तारेशा बासकी, लोरेंस मरांडी, भरत धारी, चांद किस्कू, वीरेंद्र मुर्मू, बाबूराम मरांडी आदि थे.