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पहले पेपर में फिजिक्स और मैथ्स और दूसरे में केमिस्ट्री ने उलझाया

पहली पाली में पेपर-वन की परीक्षा हुई. विद्यार्थियों ने मैथ्स और फिजिक्स खंड के प्रश्नों को कठिन बताया.

रांची के चार केंद्रों पर हुई जेइइ एडवांस की परीक्षा, 91 फीसदी रही उपस्थिति

रांची. आइआइटी मद्रास की ओर से रविवार को जेइइ एडवांस का आयोजन हुआ. राजधानी में आइऑन डिजिटल जोन तुपुदाना, फ्यूचर ब्राइट अरगोड़ा, आरटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ओरमांझी और अरुनुमा टेक्निकल सर्विसेस प्रालि चुटिया में केंद्र बनाये गये थे. इन केंद्रों पर 2930 विद्यार्थी रजिस्टर्ड थे. प्रवेश परीक्षा में परीक्षार्थियों की उपस्थिति 91 फीसदी रही. कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) दो पाली में हुआ. पहली पाली की परीक्षा सुबह नौ से 12 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 2:30 से शाम 5:30 बजे तक हुई. दोनों पाली में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के प्रश्न पूछे गये. विद्यार्थियों ने फिजिक्स और मैथ्स के प्रश्नों को कठिन बताया. वहीं केमिस्ट्री के सवाल अन्य खंड की तुलना में आसान थे. रांची के अलावा परीक्षा धनबाद, हजारीबाग और जमशेदपुर में हुई. इस वर्ष झारखंड को आइआइटी भुवनेश्वर जोन में शामिल किया गया था. केंद्र पर परीक्षार्थियों को सुबह सात बजे से इंट्री मिली. कड़ी जांच के बाद केंद्र पर प्रवेश मिला. केंद्र के बाहर ज्वेलरी, पर्स, घड़ी आदि जमा करा दिये गये. परीक्षार्थियों को दोनों पाली की परीक्षा में शामिल होना जरूरी था. सफल विद्यार्थियों को देश के टॉप-23 आइआइटी में नामांकन मिलेगा.

मैथ्स खंड में कैलकुलस से कम

प्रश्न

पहली पाली में पेपर-वन की परीक्षा हुई. दोपहर 12 बजे केंद्र से निकले विद्यार्थियों ने मैथ्स और फिजिक्स खंड के प्रश्नों को कठिन बताया. मैथ्स में कैलकुलस से कम प्रश्न पूछे गये. इसकी जगह डुअल नेचर यानी दो टॉपिक को मिलाकर एक प्रश्न पूछा गया. यह प्रश्न फंक्शन एंड लिमिट, डेफनिट इंटीग्रल, मैट्रिसेस, थ्री-डी ज्योमेट्री, स्टैटिस्टिक – प्रोबैबिलिटी, परम्यूटेशन-कंबिनेशन, कांप्लेक्स नंबर और सर्किल एंड इलिप्स को मिलाकर पूछे गये थे, जिन्हें हल करने में समय लगा. प्रश्न के अनुसार दिये गये उत्तर विकल्पों को हल करने के बाद भी परेशानी हुई. वहीं, फिजिक्स में ऑप्टिक्स, काइनेमेटिक्स, रोटेशनल मोशन, काइनेटिक थ्योरी ऑफ गैस व मॉडर्न फिजिक्स से कठिन प्रश्न पूछे गये. इन्हें हल करने में समय लगा. वहीं फिजिक्स व मैथ्स की तुलना में केमिस्ट्री के प्रश्न आसान थे. हालांकि इन-ऑर्गेनिक से कम और एनसीइआरटी आधारित प्रश्न पूछे गये थे. केमिस्ट्री में ऑर्गेनिक से जुड़े सवालों की संख्या अधिक थी. इनमें एमाइन्स, पॉलिमर, बायोमॉलिक्यूल्स, नेम रिएक्शन से जुड़े प्रश्न ज्यादा थे.

पेपर-2 में केमेस्ट्री के प्रश्नों को हल करने लगा समय

पेपर-टू की परीक्षा दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक हुई. विद्यार्थी प्रश्न से नाखुश दिखे. विद्यार्थियों के अनुसार पहली पाली की परीक्षा में जहां केमिस्ट्री के प्रश्नों ने राहत दी थी, वहीं दूसरी पाली में इन्हें हल करने में अधिक समय लगा. कोऑर्डिनेशन कंपाउंड व केमिकल बॉन्डिंग के प्रश्न सीधे एनसीइआरटी से पूछे गये थे. प्रश्न पत्र में मिक्सड कंसेप्ट और कंप्रिहेंशन आधारित प्रश्न ऑर्गेनिक केमिस्ट्री के चैप्टर से पूछे गये थे, जिनके उत्तर को हल करने में परेशानी हुई. वहीं, मैथ्स के सभी प्रश्न हाई ऑर्डर थिंकिंग (एचओटी) आधारित थे, जिन्हें हल करने के बावजूद सही उत्तर नहीं मिल रहा था. प्रश्न एप्लिकेशन ऑफ डेरिवेटिव्स, डेफ्निट इंटिग्रल, एरिया अंडर कर्व, इंवर्स ट्रिग्नोमेट्री, वेक्टर, थ्रीडी ज्योमेट्री, क्वाडरेटिक इक्वेशन समेत परम्यूटेशन एंड कंबिनेशन से पूछे गये थे. पहली पाली की तुलना में दूसरी पाली में इनके सवाल नहीं के बराबर हल हुए. जबकि, फिजिक्स के प्रश्नों ने खूब उलझाया. न्यूमेरिकल आधारित प्रश्न भी दो कंसेप्ट को मिलाकर पूछे गये थे, जिन्हें हल करने में समय लगा. मॉडर्न फिजिक्स से जुड़े प्रश्न ज्यादा पूछे गये.

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