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जर्जर भवन में पढ़ाई करने को बच्चे विवश

जर्जर भवन को देख अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने से कतराते हैं.

प्रतिनिधि, खलारी : प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है. लेकिन स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत का कार्य नहीं कराया जा रहा है. ऐसे में डकरा स्थित राजकीय कृत मध्य विद्यालय के बच्चे जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने को विवश हैं. स्कूलों के जर्जर भवन को देख अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने से कतराते हैं. इसका असर स्कूलों में होनेवाले नामांकन पर भी पड़ रहा है. कभी इस स्कूल में 2100 बच्चे पढ़ाई करते थे. लेकिन अब यहां मात्र 200 बच्चे पढ़ रहे हैं. विद्यालय का भवन 40 साल से अधिक पुराना है. स्कूल की दीवारों में जगह-जगह दरारें पड़ गयी हैं. दीवारों का प्लास्टर उखड़ रहा है. वर्षाकाल में दीवारों में सीलन हो जाता है. जर्जर भवन के कारण दुर्घटना की आशंका लगी रहती है. शिक्षकों ने बताया कि भवन बहुत पुराना हो गया है. पिछले साल कुछ कमरों की मरम्मत करायी गयी थी. बारिश होने पर कभी भी गिरने की आशंका बनी हुई है. दीवारों के प्लास्टर हाथ लगाने भर से उखड़ रहे हैं. वर्षा के दिनों में सीलन के कारण कमरों में नमी और उमस महसूस किया जा सकता है. गांव के छोटे गरीब परिवार के बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ने को विवश हैं. शिक्षकों ने नये स्कूल भवन बनाने की कई बार मांग कर चुके हैं, परंतु ध्यान नहीं दिया जा रहा है. बच्चों के साथ शिक्षक भी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं. जिप सदस्य ने डीएफएमटी से नया भवन बनाने की मांग जिप सदस्य शाल्या परवीन ने स्कूल का निरीक्षण करने के बाद काफी चिंता व्यक्त की. कहा कि जान जोखिम में डालकर बच्चे पढ़ रहे हैं. बताया कि सभी कमरा जर्जर हो गया है. जल्द ही यहां पर दूसरा भवन नहीं बनाया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. शाल्या ने कहा कि इस समस्या को लेकर जिला परिषद में रखेंगे और इसे डीएफएमटी फंड से स्कूल में नया भवन बनवाने का प्रयास करेंगे.

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