गांवों में पेयजल की स्थिति का सत्यापन करने की जवाबदेही 22 आइएएस अधिकारियों को दी गयी है. जिसमें कई ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. हाइकोर्ट के आदेश पर यह स्थल निरीक्षण किया जा रहा है. रिपोर्ट में कई आइएएस अधिकारियों ने पानी के लिए जहां बिजली नहीं होने को कारण माना है, वहीं कुछ ने चापाकल के खराब होने की रिपोर्ट दी है. कई आइएएस अधिकारी अभी भी फिल्ड विजिट में हैं.
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समस्या: चतरा में बिजली के कारण नहीं हो पाती जलापूर्ति, साइकिल ट्यूब बांध कर हो रही है चापानलों की मरम्मत
रांची: गांवों में खराब चापानल की मरम्मत हुई है. हालांकि जिस पाइप में छेद है, उसकी मरम्मत साइकिल ट्यूब बांध कर की गयी है. गोड्डा के ग्रामीणों ने स्थल निरीक्षण करने गये आइएएस अधिकारी को यह जानकारी दी. आइएएस अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात को दर्ज करते हुए रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप […]
रांची: गांवों में खराब चापानल की मरम्मत हुई है. हालांकि जिस पाइप में छेद है, उसकी मरम्मत साइकिल ट्यूब बांध कर की गयी है. गोड्डा के ग्रामीणों ने स्थल निरीक्षण करने गये आइएएस अधिकारी को यह जानकारी दी. आइएएस अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात को दर्ज करते हुए रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप दी है.
गांवों में पेयजल की स्थिति का सत्यापन करने की जवाबदेही 22 आइएएस अधिकारियों को दी गयी है. जिसमें कई ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. हाइकोर्ट के आदेश पर यह स्थल निरीक्षण किया जा रहा है. रिपोर्ट में कई आइएएस अधिकारियों ने पानी के लिए जहां बिजली नहीं होने को कारण माना है, वहीं कुछ ने चापाकल के खराब होने की रिपोर्ट दी है. कई आइएएस अधिकारी अभी भी फिल्ड विजिट में हैं.
गोड्डा में चापानल खराब, पर मरम्मत सिस्टम सही नहीं
मत्स्य निदेशक राजीव कुमार ने 16 से 17 मई तक गोड्डा जिला के पथरगामा प्रखंड के चार गांव, महगामा प्रखंड के चार गांव व पोड़ैयाहाट के पांच गांवों कुल 14 गांवों में पेयजल से संबंधित योजना एवं जल के अन्य स्रोत का अध्ययन किया. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि अधिकांश गांवों में स्थानीय लोगों द्वारा नये नलकूप की मांग की गयी है, जबकि पेयजल की गाइडलाइन के अनुसार 165 की जनसंख्या पर एक चापाकल है. ग्रामीणों द्वारा जगह-जगह पर बताया गया कि चापाकल की मरम्मत का कार्य हुआ है, परंतु अधिकांश जगह छिद्र युक्त पाइप में साइकिल का ट्यूब बांध कर काम में लाया जा रहा है. रिपोर्ट में लिखा गया है कि वृहत खराबी वाले चापाकल में पाइप एवं हेड बदलने की आवश्यकता है. गांवों के कुअां सूख गये हैं एवं उपयोग में नहीं लाये जा रहे हैं.
चतरा में बिजली नहीं, पेयजलापूर्ति प्रभावित
चतरा जिले का भ्रमण भविष्य निधि निदेशालय के निदेशक मनोज कुमार झा ने किया. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि गिद्धौर, कुंदा एवं प्रतापपुर के ग्रामीण इलाकों का भ्रमण किया. वह 17 मई से 18 मई तक चतरा जिले के परिसदन में रहे. जिले में बिजली की स्थिति काफी दयनीय है. जिला मुख्यालय तक में 48 घंटे से बिजली आपूर्ति ठप थी. ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की स्थिति और भी दयनीय है. बिजली पर आधारित पेयजलापूर्ति हमेशा बाधित रहती है.
देवघर में पानी का लेयर नीचे चला गया
देवघर जिले के नौ गांवों का स्थल निरीक्षण स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव मनोज कुमार ने किया. उन्होंने लिखा है कि मधुपुर प्रखंड में गरमी के समय पानी का लेयर नीचे होने से चापाकल में पानी कम आता है. काथीडीह ग्राम में पांच चापाकल में तीन का वाटर लेवल नीचे चला गया है. कुछ जगहों पर खराब चापाकल मिले, जिसे ठीक करने का निर्देश दिया गया है.
सतबरवा व लेस्लीगंज में पाइप से जलापूर्ति नहीं
आदिवासी कल्याण आयुक्त गौरी शंकर मिंज ने पलामू जिले के सतबरवा एवं लेस्लीगंज प्रखंड का दौरा किया. उन्होंने लिखा है कि 15 गांवों में 18 चापाकल हैं. एक खराब है. कहीं भी पाइप जलापूर्ति नहीं है. टैंकर से भी जलापूर्ति नहीं होती.
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