कहा कि पूर्व से गैरमजरुवा, आम व खास जमीन की बंदोबस्ती गांव के ही भूमिहीन मजदूरों के लिए किया जाता था. यह जमीन उस क्षेत्र के गांव के लोगों की होती थी. परंतु सरकार ने केवल संताल परगना में ऐसे डेढ़ लाख एकड़ बेकार पड़ी जमीन की सूची तैयार कर पूंजीपतियों के हाथों बेचने की तैयारी की है. कहा कि सीएनटी एक्ट में धारा 49 व 50 तथा एसपीटी एक्ट में धारा 53 के तहत पूर्व से ही जमीन अधिग्रहण किये जाने का प्रावधान था. इससे पूर्व भी सरकार ने लाखों एकड़ जमीन का अधिग्रहण विकास कार्य सहित अन्य के लिए किया है, तो किन परिस्थिति में सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन करने की आवश्यकता हुई. सरकार की साफ मंशा है पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना. उन्होंने यह भी कहा कि झाविमो यहां के लोगों के हक के लिए लगातार संघर्ष कर रही है.
समाज के मुख्य धारा में किसी का जुड़ना अच्छी बात है, पर उसे सार्वजनिक तौर पर गले लगाना, वृहत स्तर पर पेश करना गलत है. मौके पर जिला अध्यक्ष अमृत पांडे के अलावा अन्य मौजूद थे.