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पाइप लाइन है, डेढ़ साल से पानी नहीं आ रहा, लेकिन बिल आता है
नगर निगम की लापरवाही : रमजान के दौरान मुसलिम बहुल इलाके में पानी की किल्लत राजधानी के वार्ड नंबर-7 के इलाहीबख्श काॅलोनी में रोजेदारों को इन दिनों पानी के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. वैसे, डॉन बास्को चौक से कॉलोनी तक 4 इंच की पाइप लाइन बिछायी गयी है, लेकिन इसमें पिछले डेढ़ […]
नगर निगम की लापरवाही : रमजान के दौरान मुसलिम बहुल इलाके में पानी की किल्लत
राजधानी के वार्ड नंबर-7 के इलाहीबख्श काॅलोनी में रोजेदारों को इन दिनों पानी के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. वैसे, डॉन बास्को चौक से कॉलोनी तक 4 इंच की पाइप लाइन बिछायी गयी है, लेकिन इसमें पिछले डेढ़ साल से पानी नहीं आ रहा है.
हां! हर महीने नगर निगम की ओर से पानी का बिल जरूर भेज दिया जाता है. भीषण गरमी की वजह से कॉलोनी के 90 फीसदी कुएं सूख चुके हैं, जिससे दिक्कतें और बढ़ गयी हैं. ‘प्रभात खबर आपके द्वार’ की टीम ने रविवार को जब इलाहीबख्श कॉलोनी का दौरा किया, तो यहां की कई समस्याएं उजागर हुईं, जिनके लिए सीधे तौर पर रांची नगर निगम जिम्मेवार है.
रांची : कोकर के खोरहा टोली में स्थित इलाहीबख्श कॉलोनी में 500 से अधिक मकान हैं. कॉलाेनीवासियों ने ‘प्रभात खबर आपके द्वार’ की टीम को बताया कि यहां ज्यादातर मकान पक्के हैं, जो नगर निगम को होल्डिंग और पानी का टैक्स देते हैं. इसके बावजूद पूरी कॉलोनी में नगर निगम की ओर से एक भी सार्वजनिक चापाकल नहीं लगवाया गया है. सिर्फ दो ट्यूबवेल लगा दिये गये हैं, लेकिन उससे पूरे कॉलोनी की समस्या तो हल नहीं हो जायेगी, क्योंकि 90 प्रतिशत कुएं सूख चुके हैं.
रमजान का पाक महीना शुरू हो चुका है, लेकिन नगर निगम की ओर से अब भी इस कॉलोनी में पानी का टैंकर नहीं भेजा जा रहा है. ऐसे में सारे काम छोड़ कर महिलाएं और बच्चे सुबह से ही मौलाना आजाद काॅलोनी और दूसरी जगहों से पानी लाने के लिए भाग-दौड़ करने लगते हैं. बच्चे और बुजुर्ग सुबह से ही साइकिल से पानी ढोने में जुटे रहते हैं.
लोग बाल्टी और डिब्बा में जरूरत भर पानी स्टोर करके रखते हैं. काॅलोनी के मसजिद के निकट रहनेवाले लोगों ने 500-600 फीट दूर से जलापूर्ति के लिए पाइप भी बिछवायी है. पर उनके नल तक पानी ही नहीं आता है. महिलाओं का कहना है कि गरमी में नहाने, कपड़ा धोने से लेकर बच्चों को पानी पिलाने में भी दिक्कत हो रही है. हालत यह है कि जिन लोगों के घरों में निजी बोरिंग है, वे पीने के लिए पानी भी नहीं देना चाहते हैं.
कॉलोनी की सफाई भी कभी नहीं होती है
कॉलोनी में जगह-जगह कचरे का अंबार पड़ा हुआ है. नगर निगम के सफाई कर्मी कभी यहां झांकने भी नहीं आते हैं. सड़क तो जहां-तहां विधायक कोटे से बनायी गयी है, लेकिन नाली है ही नहीं. इस वजह से बारिश में लोगों का जीना मुहाल हो जाता है. सड़कों पर पूरे खोरहा टोली का कचरा जमा हो जाता है. मुहल्ले तक जाने की पहुंच सड़क भी जर्जर है.
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