अब कृषि सचिव से कहा गया है कि वह निदेशक पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा कर आयोग को सूचित करें. वहीं निदेशक पर 25 हजार रु का जुर्माना लगाते हुए आयोग ने कहा है कि निदेशक अपने वेतन से पांच हजार रु प्रति माह की कटौती कर इसे सरकारी कोषागार में जमा करायें. वहीं कृषि सचिव से कहा गया है कि वह पांच माह में 25 हजार रुपये कटौती कराना सुनिश्चित करें. अगली सुनवाई 30 नवंबर को है.
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सूचना नहीं देने पर लगाया 25 हजार का जुर्माना
रांची: सूचना आयोग ने राज्य बागवानी मिशन के निदेशक पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. सूचना संबंधी एक अपीलवाद (सं-1401/15 बंशीधर सिंह बनाम जन सूचना पदाधिकारी सह निदेशक राज्य बागवानी मिशन) के मामले में अपीलकर्ता की आपत्तियों का निराकरण न करने तथा उसके मूल आवेदन के आलोक में सभी सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराने […]
रांची: सूचना आयोग ने राज्य बागवानी मिशन के निदेशक पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. सूचना संबंधी एक अपीलवाद (सं-1401/15 बंशीधर सिंह बनाम जन सूचना पदाधिकारी सह निदेशक राज्य बागवानी मिशन) के मामले में अपीलकर्ता की आपत्तियों का निराकरण न करने तथा उसके मूल आवेदन के आलोक में सभी सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराने पर यह कार्रवाई की गयी है. इससे पहले 30 सितंबर 2016 की सुनवाई के दौरान निदेशक बागवानी मिशन को 50 हजार रु का हर्जाना अपीलकर्ता बंशीधर सिंह को देने को कहा गया था. पर निदेशक ने एेसा नहीं किया.
अब कृषि सचिव से कहा गया है कि वह निदेशक पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा कर आयोग को सूचित करें. वहीं निदेशक पर 25 हजार रु का जुर्माना लगाते हुए आयोग ने कहा है कि निदेशक अपने वेतन से पांच हजार रु प्रति माह की कटौती कर इसे सरकारी कोषागार में जमा करायें. वहीं कृषि सचिव से कहा गया है कि वह पांच माह में 25 हजार रुपये कटौती कराना सुनिश्चित करें. अगली सुनवाई 30 नवंबर को है.
क्या है मामला
धुर्वा निवासी बंशीधर सिंह ने बागवानी मिशन से संबंधित एक सूचना 10 दिसंबर 2014 को मांगी थी. पूछा गया था कि मिशन शुरू होने से अब तक किन-किन संस्थाओं/एजेंसियों को पौधरोपण, काजू की खेती, फूलों की खेती तथा जैविक खेती का कार्य आवंटित किया गया. इसके साथ-साथ संस्थाओं को आवंटित राशि, निर्गत राशि, कार्य स्थल तथा वर्तमान स्थिति संबंधी ब्योरा मांगा गया था, जो आज तक नहीं मिला है. पहले तो पूर्व निदेशक (प्रभाकर सिंह) सूचना के लिए आवेदन देने वाले से यही पूछते रहे कि सूचना मांगने का मकसद क्या है, क्या करोगे. पर उन्होंने सूचना नहीं दी. आवेदनकर्ता प्रथम अपील के बाद सूचना आयोग गया. आयोग से सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश मिलने के बाद प्रभाकर सिंह ने आवेदनकर्ता से सूचना देने के लिए लिखित रूप से 20 हजार रुपये शुल्क मांगा, जबकि ऐसा करना कानूनन गलत था. अब वर्तमान निदेशक भी सूचना उपलब्ध नहीं करा रहे हैं. मामले की सुनवाई चल रही है.
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