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मुख्य सचिव ने रोका 300 स्वास्थ्य कर्मियों का वेतन

कार्रवाई. मातृत्व व शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों में लापरवाही स्वास्थ्य विभाग ने फील्ड में कार्यरत अपने करीब तीन सौ स्वास्थ्य कर्मियों का वेतन अप्रैल माह से अगले आदेश तक रोक दिया है. विभाग में वेतन रोक देने की यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. संजय रांची : स्वास्थ्य विभाग के इन कर्मियों पर एंटी […]

कार्रवाई. मातृत्व व शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों में लापरवाही

स्वास्थ्य विभाग ने फील्ड में कार्यरत अपने करीब तीन सौ स्वास्थ्य कर्मियों का वेतन अप्रैल माह से अगले आदेश तक रोक दिया है. विभाग में वेतन रोक देने की यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है.

संजय

रांची : स्वास्थ्य विभाग के इन कर्मियों पर एंटी नेटल चेकअप (एएनसी), संस्थागत प्रसव (इंस्टीट्यूशनल डिलिवरी) तथा टीकाकरण कार्यक्रमों में लापरवाही बरतने का आरोप है. वहीं जननी व शिशु सुरक्षा तथा स्वास्थ्य संबंधी डाटा अपडेट करने में भी कोताही बरती गयी है. खराब प्रदर्शन पर सख्ती दिखाते हुए मुख्य सचिव ने संबंधित लोगों का वेतन रोकने का आदेश दे दिया है.

जिन्होंने काम में लापरवाही दिखायी है, उनमें सभी 188 प्रखंडों के ब्लॉक डाटा मैनेजर व सभी जिलों के 24 डिस्ट्रिक्ट डाटा मैनेजर सहित राज्य स्तर पर एक स्टेट डाटा मैनेजर शामिल हैं. इनके अलावा खराब प्रदर्शन वाले प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारी (एमअोआइसी) व एएनएम का भी वेतन रोका गया है. इनमें पाकुड़िया, निरसा, मुसाबनी, कटकमसांडी, डुमरिया, सिसई, देवघर, मुरहू सहित अन्य प्रखंडों के एमअोआइसी व एएनएम का नाम है.

गोमिया प्रखंड की एएनएम व सहिया पर जहां अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्देश है. वहीं पाकुड़िया की सहिया को पद मुक्त करने का निर्देश मुख्य सचिव ने दिया है. जिन लोगों का वेतन रुका है, उनमें एमअोआइसी को छोड़ डाटा मैनेजर, एएनएम व सहिया का वेतन अगले तीन माह तक रुका रहेगा.

इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ, तो सबको काम से हटा देने का निर्देश मुख्य सचिव ने दिया है. इधर, मई माह की समीक्षा कर इसकी रिपोर्ट भी तैयार कर ली गयी है. इस माह के लिए निर्देश है कि सभी जिलों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली पांच-पांच एएनएम, यानी कुल 120 एएनएम का वेतन रोकने को कहा गया है.

वहीं राज्य भर में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले पांच प्रखंडों की पांच-पांच सहिया, यानी कुल 25 सहिया को काम से हटा देने का निर्देश है. संविदा पर कार्यरत सभी एएनएम को चेतावनी दी गयी है कि जो तीन माह तक अपने लक्ष्य को पूरा नहीं करेंगी, उन्हें जाना होगा. एएनएम को मुख्यालय में ही रहने संबंधी पहले जारी चिट्ठी के बाद फिर से स्मार पत्र दिया गया है.

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार हर माह की समीक्षा को अनिवार्य कर दिया गया है तथा मुख्य सचिव का निर्देश है कि हर माह कार्रवाई भी करनी है. सरकार के इस सख्त रवैये से फिल्ड में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों में जहां हड़कंप है, वहीं विभागीय अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि खराब प्रदर्शन के लिए सिविल सर्जन सहित अन्य वरीय पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

जेल में बरामदगी का अनुसंधान करेंगे एसपी

रांची : जेलों में छापामारी होने या छापामारी के दौरान सामान की बरामदगी को लेकर दर्ज होनेवाले मामलों का अनुसंधान संबंधित जिला के एसपी करेंगे. ऐसे मामलों में एसपी के स्तर से ही अदालत में चार्जशीट दाखिल की जायेगी. अगले कुछ दिनों में इससे संबंधित आदेश जारी हो जायेगा. अब तक ऐसे मामलों में संबंधित थाना के पुलिस पदाधिकारी अनुसंधान करते हैं और डीएसपी रैंक के अफसर मामले का सुपरविजन. मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने इससे संबंधित आदेश जारी करने का निर्देश गृह विभाग को दिया है. जेलों की सुरक्षा के लिए संबंधित जिला के डीसी और एसपी की जिम्मेदारी भी तय की जायेगी.

पिछले दिनों हजारीबाग जेल में बंद पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के सेल से मोबाइल की बरामदगी के बाद मुख्य सचिव ने जेलों की सुरक्षा को लेकर बैठक की थी. बैठक में मुख्य सचिव ने जेलों के भीतर चल रही अवैध गतिविधियों को लेकर गंभीर चिंता जतायी है. कैदियों से होनेवाली वसूली को रोकने के लिए जेलों के अंदरूनी हिस्से में सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश भी दिया है. मुख्य सचिव ने स्पेशल ब्रांच व सीआइडी को निर्देश दिया है कि वह दुर्दांत अपराधियों से जेल में मुलाकात करनेवालों और जमानत पर रिहा होनेवाले अपराधियों पर नजर रखें.

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