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तीन साल में भी घरों तक नहीं पहुंच पाया है नल से पानी

शहरी जलापूर्ति योजना. 21 निकाय में सिर्फ एक पर काम शुरू सुनील चौधरी रांची : झारखंड के कई इलाकों में भीषण गरमी पड़ रही है. शहरी इलाकों में पानी के लिए हाहाकार मचा है. पर वहीं, 21 निकायों में लोगों को पाइप लाइन के माध्यम से पानी उपलब्ध कराने की सरकार की योजना दो-तीन सालों […]

शहरी जलापूर्ति योजना. 21 निकाय में सिर्फ एक पर काम शुरू
सुनील चौधरी
रांची : झारखंड के कई इलाकों में भीषण गरमी पड़ रही है. शहरी इलाकों में पानी के लिए हाहाकार मचा है. पर वहीं, 21 निकायों में लोगों को पाइप लाइन के माध्यम से पानी उपलब्ध कराने की सरकार की योजना दो-तीन सालों से अधर में लटकी है. किसी शहर के लिए तीन साल से डीपीआर ही बन रहा है, तो कहीं सिंगल टेंडर होने के कारण मामला फंसा है. लोगों को पानी नहीं मिल रहा है, वहीं सरकार सिर्फ कंसल्टेंट नियुक्त कर ही अपनी जिम्मेवारी पूरी कर लेरही है
जुडको को दी गयी है जिम्मेदारी :: सरकार ने बढ़ते शहरीकरण को लेकर पाइप लाइन जलापूर्ति के विस्तारीकरण की योजना बनायी थी. सरकार की योजना हर घर में नल से पानी उपलब्ध कराने की है. कुल 21 शहरी निकायों के लिए 2457.87 करोड़ की योजना बनी थी.
नगर विकास विभाग के अधीन झारखंड अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जुडको) को शहरी जलापूर्ति योजना को पूरा कराने की जवाबदेही दी गयी है. पर तीन से चार साल हो गये, इनमें से एक ही योजना (लातेहार नगर पंचायत) पर काम आरंभ हो सका है. शेष 20 शहरी निकायों के लिए अभी डीपीआर बनाने का काम ही चल रहा है. बताया गया कि टेंडर होगा, फिर बरसात आरंभ हो जायेगी. यानी 2018 में भी लोगों को पानी नहीं मिल सकेगा. वहीं डीपीआर बनानेवाली कंपनियों को डेढ़ से तीन प्रतिशत तक कमीशन का भुगतान हो जायेगा.
21 निकायों में शुरू होनी है योजना
हुसैनाबाद, चास नगर निगम, देवघर नगर निगम, गिरिडीह नगर परिषद, रांची नगर निगम, चकुलिया नगर परिषद, बासुकीनाथ, मझियांव, खूंटी नगर पंचायत, कोडरमा नगर पंचायत, लातेहार नगर पंचायत, सिमडेगा नगर पंचायत, रामगढ़ नगर पंचायत, मानगो, मधुपुर, आदित्यपुर, हजारीबाग, चतरा
डीपीआर जल्द बनायें कंपनियां, नहीं तो होगी कार्रवाई : सीपी िसंह
यह सही है कि डीपीआर बनाने में कई कंपनियां सुस्ती बरत रही हैं. ऐसी कंपनियों को चेतावनी दे रहे हैं कि कार्य में तेजी लायें अन्यथा कार्रवाई होगी. डीपीआर में विलंब की वजह से हाल ही में टीसीइ कंपनी को तीन वर्ष के लिए डिबार कर दिया है. जलापूर्ति योजना सरकार की प्राथमिकता में है.
इसमें कोई लापरवाही बरदाश्त नहीं की जायेगी. प्रधान सचिव अभी राज्य से बाहर हैं. वह जैसे ही आते हैं, सबकी समीक्षा करूंगा. कुछ जलापूर्ति योजनाओं पर काम भी आरंभ हुआ है, गोड्डा और लातेहार में काम शुरू हो चुका है. अन्य में भी शीघ्रता से काम आरंभ हो, यह कोशिश होगी.

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