श्री राय ने कहा कि उत्कृष्ठता केवल शिक्षा से नहीं हो सकती है. इसके कई आयाम होते हैं. शिक्षा के साथ-साथ पात्रता भी जरूरी है. आने वाली पीढ़ी के लिए उत्कृष्ठता क्या होगी, यह तय करने की जिम्मेदारी समाज और सरकार की है. सिर्फ एक्सलेंस से ही सुखी नहीं हो सकते हैं. हमें पात्र भी बनना होगा. एक्सलेंस के नये दृष्टिकोण पर विचार करना होगा. वह बीएनआर में आयोजित एसोचैम के एक्सलेंस इन एजुकेशन पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में बोल रहे थे.
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झुकने बोला जाता है, तो लेट जाते हैं अधिकारी : सरयू राय
रांची: खाद्य आपूर्ति एवं संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने कहा है शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक बदलाव के लिए सरकार और शिक्षा देने वाली एजेंसियां चिंतन करती रहती हैं. विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता में बदलाव आया है. इसके कई कारण हैं. सरकार का हस्तक्षेप इन संस्थानों में बढ़ा है. ऐसे संस्थानों का नेतृत्व वैसे लोगों […]
रांची: खाद्य आपूर्ति एवं संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने कहा है शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक बदलाव के लिए सरकार और शिक्षा देने वाली एजेंसियां चिंतन करती रहती हैं. विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता में बदलाव आया है. इसके कई कारण हैं. सरकार का हस्तक्षेप इन संस्थानों में बढ़ा है. ऐसे संस्थानों का नेतृत्व वैसे लोगों के हाथों में भी गया है जिनको झुकने के लिए बोला गया, तो लेट गये. इससे संस्थानों की स्वायत्तता को खतरा हुआ है. एक बात तय है कि ऐसी संस्थानों की स्वायत्तता का हनन नहीं होना चाहिए.
चतुर्थवर्गीय कर्मी भी सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ाते बच्चे
झारखंड राज्य उपभोक्ता निवारण आयोग के चेयरमैन सेवानिवृत्त जज आरके मरेठिया ने कहा कि आज हमारे यहां सरकारी शिक्षा की व्यवस्था ठीक नहीं है. चतुर्थवर्गीय कर्मी भी आज अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ाना चाहता है. यह स्थिति सुधरनी चाहिए. लोगों का विश्वास सरकारी शिक्षा में पैदा करना चाहिए. प्राथमिक शिक्षा पर ध्यान देना होगा. शिक्षा को लेकर आज जो नीतियां है, उसमें बदलाव की जरूरत है. आज किसी बच्चे को फेल नहीं किया जाता है, तो कोई बच्चा पढ़ाई क्यों करेगा. आज शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी जरूरी है.
झारखंड से आगे हो गया ओड़िशा
जीएलए यूनिवर्सिटी के कुलपति एएम अग्रवाल ने कहा कि झारखंड बने 17 साल हो गये, लेकिन यहां शिक्षा के क्षेत्र में उतना विकास नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था. पिछले 17 वर्षों में ओड़िशा ने झारखंड को उच्च और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में पीछे छोड़ दिया. झारखंड को सोचना चाहिए कि क्यों दूसरे राज्य के लोग यहां शिक्षा के लिए नहीं आ रहे हैं? क्यों ऐसा माहौल नहीं बन रहा है, जिससे हमारे बच्चे यहीं रहे? करीब 3.60 करोड़ आबादी के लिए मात्र 21 हजार तकनीकी शिक्षा के कोर्स हैं.
झारखंड सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के उप निदेशक संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि राज्य बनने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम हुए हैं. 10 नये विश्वविद्यालय खोले गये हैं. सरकारी विश्वविद्यालयों की स्थिति भी काफी सुधरी है. कौशल विकास के माध्यम से बच्चों को जोड़ने का प्रयास हो रहा है. इससे रोजगार सृजन की संभावना है. झारखंड का ग्रास इनरोलमेंट रेसियो देश के रेसियो के ज्यादा है.
झारखंड में क्षमता की कमी नहीं
स्टार्टअप इंडिया, झारखंड के राजीव गुप्ता ने इस मौके पर कहा कि झारखंड में क्षमता की कमी नहीं है. यहां के लोग काफी मेहनत करने वाले हैं. अनुशासन प्रिय हैं. इनका बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है. झारखंड का समय बदल रहा है. आगे और बदलेगा. यहां के लोगों को न्यू आइडिया के साथ आगे आने की जरूरत है. आइसेक्ट विश्वविद्यालय के आरएस मेहता ने कहा कि कौशल विकास सभी तरह के कोर्स के साथ जुड़ा होना चाहिए. आइसेक्ट उद्योगों की जरूरत के हिसाब से भी कोर्स का संचालन कर रहा है. झारखंड खान खनिज के क्षेत्र में काफी सक्षम राज्य है. इससे जुड़े कोर्स के संचालन से रोजगार के ज्यादा-ज्यादा से अवसर पैदा होंगे.
रोजगार को बढ़ावा देने की कोशिश करे सरकार : डीसी रावत
इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत करते हुए एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल डीएस रावत ने कहा कि संस्था 1920 से काम कर रही है. इससे 4.50 लाख उद्योग जुड़े हुए हैं. 28 देशों में शाखाएं हैं. देश के सभी राज्यों में संस्था काम कर रही है. आज देश के सामने बेरोजगारी बड़ी समस्या है. शिक्षा, फार्मा व अन्य क्षेत्रों में रोजगार की काफी संभावना है. रोजगार की संभावना काफी घटी है. बेरोजगारी बढ़ी है. हर साल करीब 1.30 करोड़ नये बेरोजगार तैयार हो रहे हैं. पिछले कई वर्षों से हम जॉब लेस ग्रोथ कर रहे हैं. कड़े कानूनों के कारण नये उद्योग नहीं आ रहे हैं. इससे रोजगार की संभावना कम हो रही है. सरकार को रोजगार को बढ़ावा देने की कोशिश करनी चाहिए. ज्यादा से ज्यादा युवाओं को कौशल विकास से जोड़ा जाना चाहिए. अंत में अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन एसोचैम के क्षेत्रीय निदेशक एसके सिंह ने किया. संचालन शशि सिंह ने किया.
सम्मानित हुए
बेस्ट प्राइवेट यूनिवर्सिटी ऑफ दर इयर (नार्थ) : जीएलए यूनिवर्सिटी
बेस्ट यूनिवर्सिटी इनोवेशन (सेंट्रल) : आइसेक्ट यूनिवर्सिटी
बेस्ट यूनिवर्सिटी ओपेन डिस्टेंस एवं
लर्निंग : सीवी रमण यूनिवर्सिटी
बेस्ट यूज ऑफ टेक्नोलॉजी इन
टेस्टिंग : एडवांटेज
बेस्ट यूनिवर्सिटी ऑफ द इयर
(इस्ट) : राय यूनिवर्सिटी
बेस्ट प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज इन बिहार एंड झारखंड : आरवीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
बेस्ट बिजनेस स्कूल इंडिया (नार्थ) : न्यू दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट
बेस्ट कैंपस मैनेजमेंट सॉल्यूशन : इनस्टेट
बेस्ट स्कूल प्रोवाइडिंग ग्लोबल एक्सपीरियेंस : टॉरियन वर्ल्ड
बेस्ट प्राइवेट प्ले स्कूल (इस्ट) : मेरे नन्हे कदम प्ले स्कूल
बेस्ट हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट : हिंदुस्तान कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी
बेस्ट इंस्टीट्यूट फॉर प्रोवाइडिंग इंडस्ट्रीज : आनंद इंजीनियरिंग कॉलेज आगरा
बेस्ट यूज ऑफ टेक्नोलॉजी इन टीचिंग : झारखंड सरकार एमएसएमइ टूल रूम
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