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सरकारी स्कूलों को मिलेंगे 1.81 लाख गैस सिलिंडर

रांची: राज्य के स्कूलों में अब मध्याह्न भोजन अब लकड़ी व काेयला पर नहीं बनेगा. स्कूलों को मध्याह्न भोजन बनाने के लिए एलपीजी कनेक्शन मिलेगा. स्कूलों को एलपीजी कनेक्शन देने के सरकार के निर्णय के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा इसका संकल्प जारी कर दिया गया है. राज्य के 40,025 प्राथमिक व मध्य […]

रांची: राज्य के स्कूलों में अब मध्याह्न भोजन अब लकड़ी व काेयला पर नहीं बनेगा. स्कूलों को मध्याह्न भोजन बनाने के लिए एलपीजी कनेक्शन मिलेगा. स्कूलों को एलपीजी कनेक्शन देने के सरकार के निर्णय के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा इसका संकल्प जारी कर दिया गया है. राज्य के 40,025 प्राथमिक व मध्य विद्यालयों को एलपीजी कनेक्शन दिया जायेगा.

एक विद्यालय को दो से पांच गैस सिलिंडर व दो से चार चूल्हा दिया जायेगा. विद्यालयों को कुल 1,08,178 गैस सिलिंडर व 84,817 चूल्हा दिया जायेगा. एलपीजी कनेक्शन पर 39 करोड़ 84 लाख रुपये खर्च होंगे. सिलिंडर, रेगुलेटर, पाइप तथा भट्ठी चूल्हा के लिए प्रति यूनिट 4,475 रुपये निर्धारित किया गया है.

राज्य में सभी सरकारी प्रारंभिक विद्यालय, गैर सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित) विद्यालय, सरकार द्वारा प्रस्वीकृत एवं सहायता प्राप्त मदरसा तथा संस्कृत विद्यालय में पढ़नेवाले कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाता है. विद्यालयों में अब तक भोजन तैयार करने के लिए लकड़ी व कोयला का प्रयोग किया जाता था. इससे होनेवाले धुएं से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता था. इसके अलावा बारिश के दिनों में ईंधन के अभाव मेें मध्याह्न भोजन बंद होने की भी शिकायत मिलती थी. एलपीजी से मध्याह्न भोजन बनाने में यह परेशानी नहीं होगी.

चार फीसदी स्कूलों में ही था एलपीजी कनेक्शन
राज्य में वर्तमान में मात्र चार फीसदी स्कूल में ही एलपीजी कनेक्शन था, जबकि गाेवा, गुजरात, पंजाब, चंडीगढ़, दमन व द्विप, दिल्ली, पौंडीचेरी में शत-प्रतिशत विद्यालय में एलपीजी कनेक्शन है. अब झारखंड के भी शत-प्रतिशत विद्यालय में एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध हो जायेगा. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन द्वारा एलपीजी कनेक्शन दिया जायेगा. कनेक्शन के लिए राशि प्राथमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा मध्याह्न भोजन प्राधिकार को उपलब्ध करायी जायेगी. प्राधिकार द्वारा राशि जिलों को भेजी जायेगी. कनेक्शन सरस्वती वाहिनी संचालन समिति के नाम से लिया जायेगा. कनेक्शन के लिए राशि भी सरस्वती वाहिनी संचालन समिति के खाते में ट्रांसफर की जायेगी. जिला शिक्षा अधीक्षक स्कूलों में विद्यार्थियों की औसत उपस्थिति के आधार पर सरस्वती वाहिनी के खाते में राशि ट्रांसफर करेंगे.
एक स्कूल को दो से पांच सिलिंडर
एक स्कूल को दो से पांच सिलिंडर व दो से चार चूल्हा देने का प्रावधान किया गया है. राज्य में कुल 16,664 विद्यालय को दो 19,006 विद्यालय को तीन 3,943 विद्यालय को चार तथा 412 विद्यालय को पांच सिलिंडर मिलेगा. सिलिंडर रिफिलिंग के लिए राशि कुकिंग कॉस्ट से दी जायेगी.
बच्चों की संख्या सिलिंडर चूल्हा
01-50 02 02
51-200 0 02
201-500 04 03
500 से अधिक 05 04

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