रांची: आजसू पार्टी के विधायक विकास मुंडा नक्सली घटनाओं में मारे गये पुलिस और आम लोगों के परिजन से मिलेंगे़ वह शहीद परिवारों से मिल कर उनके मुश्किल और सरकार की योजनाओं का हाल जानेंगे़ इन परिवारों को सरकार की ओर से किये गये वादे कहां तक पूरा किये गये, उसकी जानकारी लेंगे़. श्री मुंडा […]
रांची: आजसू पार्टी के विधायक विकास मुंडा नक्सली घटनाओं में मारे गये पुलिस और आम लोगों के परिजन से मिलेंगे़ वह शहीद परिवारों से मिल कर उनके मुश्किल और सरकार की योजनाओं का हाल जानेंगे़ इन परिवारों को सरकार की ओर से किये गये वादे कहां तक पूरा किये गये, उसकी जानकारी लेंगे़.
श्री मुंडा ने गुरुवार को अपने आवास पर पत्रकारों से कहा कि उन्होंने अनशन खत्म किया है़ विषय खत्म नहीं हुए है़ं संघर्ष जारी रहेगा़ मेरे पिता नक्सली द्वारा मारे गये थे़ एक शहीद के परिवार की परेशानी मैं जानता हू़ं किसी घर का मुखिया जब चला जाता है, तो उस पर क्या गुजरती है़ पूरा परिवार टूट जाता है़ सैकड़ों पुलिस के जवान-अफसर मारे गये है़ं ऐसे पीड़ित परिवार के प्रति शासन व्यवस्था की सहानुभूति नहीं रहेगा, तो व्यवस्था से विश्वास उठ जायेगा़ कई ऐसे परिवार हैं, जिनको आज तक नौकरी नहीं मिली़ डीएसपी प्रमोद कुमार का परिवार इसका उदाहरण है़
विधायक श्री मुंडा ने कहा कि सरेंडर पॉलिसी के कई प्रावधान पर विचार करने की जरूरत है़ नक्सलियों पर इनाम की राशि मुआवजा के तौर पर देने पर विचार होना चाहिए़ नक्सलियों को अगर महिमामंडित करने की कोशिश होगी, तो कोई भी जवान-अफसर अपनी सेवा में जान क्यों देना चाहेगा़ कुंदन पाहन के सरेंडर के तरीके पर आपत्ति है़
उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुलिस-प्रशासन ने सरेंडर कराया, हीरो बनाया वह गलत था़ कुंदन पाहन के मामले में स्पीडी ट्रायल होना चाहिए़ सरकार को मजबूत साक्ष्य और गवाह प्रस्तुत करने चाहिए़ गवाहों को पूरी सुरक्षा मिलनी चाहिए़ यह सरकार की जवाबदेही है कि कुंदन पाहन को सजा मिले़ अगर ऐसा नहीं होगा, तो समाज का मनोबल टूटेगा़ पूरी लड़ाई मनोबल की ही है़ हमने अनशन इस आश्वासन पर तोड़ा है कि कार्रवाई होगी़ अधिकारियों के साथ बैठक होनी है. हम सारे आश्वासन पर जल्द पहल चाहेंगे़ मुख्यमंत्री रघुवर दास से भी मिल कर अपनी बात रखूंगा़.
नक्सलियों का महिमामंडन कर रही सरकार : सुमन
जमशेदपुर की पूर्व सांसद सुमन महतो ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर कहा है कि झारखंड सरकार विशेष योजना के तहत नक्सलियों को सरेंडर करवा रही है. नक्सलियों का महिमामंडन कर रही है. पुलिस खुद ही पीठ थपथपा रही है और नक्सल पीड़ित परिवार की सुध लेनेवाला कोई नहीं है. पत्र में उन्होंने कहा कि नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने का वे विरोधी नहीं हैं, लेकिन जिन नक्सलियों ने हजारों घरों में अंधेरा कर दिया, उसे इनाम की राशि का चेक देकर महिमामंडित करने से जनता में आक्रोश है. सरकार पीड़ित परिवार को सुरक्षा नहीं दे पा रही है. नक्सलियों ने मेरे पति (सांसद सुनील महतो) की हत्या वर्ष 2007 में कर दी थी. जांच सीबीआइ कर रही है, पर अब तक न्याय नहीं मिला. पिछले 10 सालों से डर के माहौल में जी रही हूं. नक्सलियों ने कई बार धमकी भी दी. भारत सरकार ने उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा दी थी, जिसे दो साल से हटा लिया गया है. कई बार सुरक्षा की मांग की, लेकिन सरकार के स्तर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. पत्र में पूर्व सांसद ने कहा है कि सरेंडर करनेवाले नक्सली जब खुलेआम घुमेंगे, तब मेरे जैसे पीड़ित परिवार की सुरक्षा का क्या होगा?