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बातचीत: रांची दूरदर्शन केंद्र के निदेशक डॉ पीके झा ने कहा, छह माह में झारखंड का अपना चैनल होगा
रांची. राज्य के कला-संस्कृति व संगीत प्रेमियों को केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री ने सौगात दिया है. अागामी छह माह में झारखंड का अपना चैनल होगा. इस चैनल काे देश-विदेश के लोग सेटेलाइट के माध्यम से 24 घंटे देख सकेंगे. राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने में दूरदर्शन सकारात्मक माध्यम बनेगा. सेेटेलाइट पर यह चैनल कब, […]
रांची. राज्य के कला-संस्कृति व संगीत प्रेमियों को केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री ने सौगात दिया है. अागामी छह माह में झारखंड का अपना चैनल होगा. इस चैनल काे देश-विदेश के लोग सेटेलाइट के माध्यम से 24 घंटे देख सकेंगे. राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने में दूरदर्शन सकारात्मक माध्यम बनेगा. सेेटेलाइट पर यह चैनल कब, कैसे और किस तरह दिखेगा, इस संबंध में प्रभात खबर संवाददाता ने रांची दूरदर्शन केंद्र के निदेशक डॉ प्रमोद कुमार झा से बातचीत की.
झारखंड दूरदर्शन सेटेलाइट पर कब दिखेगा और इसको शुरू करने की क्या प्रक्रिया होगी?
यह खुशी की बात है कि हमारे राज्य का अपना चैनल शुरू होने जा रहा है, जो 24 घंटे सेटेलाइट पर दिखाई देगा. केंद्र सरकार इसके लिए 17 करोड़ रुपये आवंटित किया है. चैनल को सेटेलाइट से जोड़ने के लिए काफी काम करना होगा. हमारी आधारभूत संचरना को बढ़ाना होगा. उपकरण मंगाने होंगे. स्टूडियो की संख्या बढ़ानी होगी. वर्तमान में हमारे पास एक स्टूडियो है, जिसे बढ़ा कर दो या तीन करना होगा. लाइट, कैमरा का सेटअप भी बड़ा करना होगा. दूरदराज के कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के लिए डीएसएनजी वैन की आवश्यकता होगी. उपकरण के आने के बाद इंस्टॉलेशन का कार्य शुरु होगा. इसमें कम से कम छह माह तो लग ही जायेंगे.
सेटेलाइट पर आने के लिए रांची दूरदर्शन ने क्या कोशिश की?
सेटेलाइट पर रांची दूरदर्शन को आने के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा एवं डीडीजी का काफी योगदान रहा है. मुख्यमंत्री जब भी दिल्ली जाते थे, इस पर बातचीत करते थे. डीडीजी सुप्रिया साहू बार-बार दिल्ली से फोन कर 24 घंटे के चैनल को शुरू करने का प्रयास करती थी. यह राज्य के लोगाें के लिए सौगात है. हमारे दर्शक ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा हैं. सबसे ज्यादा दूरदर्शन को ग्रामीण क्षेत्राें में देखा जाता है. सेटलाइट पर आने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को काफी समय मिलेगा.
24 घंटे का चैनल हो जाने के बाद आपकी क्या योजना होगी?
वर्तमान में हम बिहार से जुड़ें हैं. एक घंटा समय निर्धारित किया गया है. एक घंटा में हम पर्यटन और कला से संबंधित प्रसारण कर रहे हैं. जब चैनल 24 घंटे का हो जायेगा, तो हमारा प्रयास होगा कि राज्य में निर्मित फिल्में दिखायें. हमारे पास राज्य के युवाओं को जोड़ने का पूरा मौका होगा. सीमित संसाधन में हमने 2015-16 में चार करोड़ 74 लाख की कमाई की थी. वहीं वर्ष 2016-17 मेें अभी तक ढाई करोड़ की कमाई की है.
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