मांडर: विभिन्न मांगों को लेकर टानाभगत मंगलवार से प्रखंड मुख्यालय में अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन पर बैठे हैं. अखिल भारतीय टानाभगत संघ सोनचीपी के तत्वावधान में धरना पर बैठे टानाभगतों का कहना है कि 2009 में ही मुख्यमंत्री ने प्रखंड व गांव-गांव में कैंप लगाकर टानाभगतों की जमीन संबंधी मामले के निबटारे का आदेश दिया था, लेकिन इसके आठ साल बीत जाने के बाद भी यह काम पूरा नहीं हो पाया है. जमीन संबंधी कागजात नहीं रहने के कारण टानाभगत सरकारी लाभ से भी वंचित हैं.
स्थिति यह है कि स्वतंत्रता की लड़ाई लड़नेवाले टानाभगतों को जमीन की रसीद नहीं रहने के कारण बिजली का कनेक्शन भी नहीं मिल पाता है. इसलिए उन्होंने निर्णय लिया है कि जब तक मांडर, चान्हो व बुढ़मू के टानाभगतों की जमीन संबंधी मामलों का निबटारा नहीं हो जाता है, तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा. प्रचंड गरमी में दिन भर पेड़ के नीचे धरना पर बैठे टानाभगतों को मांडर सीओ मुमताज अंसारी ने वार्ता के लिए बुलाया व धरना समाप्त करने के लिए समझाने का प्रयास किया. लेकिन टानाभगत कुछ सुनने को तैयार नहीं थे.
इससे पूर्व टानाभगतों ने टांगरबसली मोड़ से जुलूस निकाला व धरनास्थल तक पहुंचे. मौके पर झिरगा टानाभगत, भुवाल टानाभगत, पुसा टानाभगत, चडरा टानाभगत, महावीर टानाभगत, पंचम टानाभगत, एतवा टानाभगत, सुखराम टानाभगत, कृष्णा टानाभगत, शिवचरण टानाभगत, बंधु टानाभगत, सुकरा टानाभगत, झालो टानाभगत, जलसी टानाभगत, देगी टानाभगत, हीरा टाना भगत सहित अन्य मौजूद थे.