उनकी क्षमा याचना व आग्रह को देखते हुए कोर्ट ने समय प्रदान करते हुए पुत्री को प्रस्तुत करने के लिए सख्त हिदायत दी. कोर्ट ने कहा कि 15 मई को सुनवाई के दाैरान पुत्री को प्रस्तुत करें. साथ ही कोर्ट ने प्रार्थी को सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 मई की तिथि निर्धारित की गयी.
चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता निलेंदु कुमार ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी रामगढ़ निवासी कमलेश सिंह ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर की है. उन्होंने पत्नी को प्रस्तुत करने की मांग की है. उनका कहना है कि रामगढ़ निवासी युवती से 22 अगस्त 2008 को उनकी शादी हुई थी. शादी के कुछ माह बाद ही पत्नी अपने पिता के पास रहने लगी.