यह प्राथमिकी डीडीसी, सिविल सर्जन और एसडीओ के संयुक्त हस्ताक्षर से डीसी को भेजी गयी रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की गयी है. इसमें प्रदीप यादव को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. आरोप लगाया गया है कि 17 अप्रैल को उक्त सभी अनशन स्थल पर पहुंचे.
विधायक से इलाज के लिए गोड्डा अस्पताल चलने का अनुरोध किया, लेकिन वह नहीं गये. तब उनका बीपी 150/100 पाया गया. चिकित्सक ने बीपी सामान्य होने की दवा खिलायी. दो घंटे बाद बीपी 150/90 पाया गया. इस दौरान वहां पर महिला व बच्चों की भीड़ बढ़ गयी. सभी लाठी-डंडे से लैस थे और प्रदीप यादव के पक्ष में व अडाणी पावर प्लांट के खिलाफ नारे लगा रहे थे. प्रदीप यादव को एक और मामला (पोड़ैयाहाट थाना कांड संख्या-53/ 2017) में भी अभियुक्त बनाया गया है. आरोप लगाया गया है कि उन्होंने भड़काउ भाषण देकर 25 लोगों को अनशन पर बैठने के लिए उकसाया. गिरफ्तारी से बचने के लिए भीड़ जुटायी और अति ज्वलनशील पदार्थ का उपयोग कर जेनरेटर चलाया और जीडे साउंड बजाया.