रांची: राज्य के पश्चिमी सिंहभूम में भी बागवानी मिशन के तहत माइक्रो इरिगेशन सिस्टम (सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली) में कई अनियमितताएं सामने आयी हैं. जिले में 2012-13 और 2013-14 में 61 लाभुकों के बीच कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए स्प्रिंकलर, ड्रिप इरिगेशन प्रणाली से संबंधित उपकरण दिये जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया. इसके लिए 77 लाख से अधिक राशि खर्च करने का प्रावधान भी किया गया.
कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय से कितनी राशि खर्च की गयी, इसका कोई हिसाब-किताब नहीं है. हां, यह जरूर कहा गया कि 141 एकड़ में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी. जिला उद्यान पदाधिकारी, जमशेदपुर की मानें, तो योजना के तहत पटमदा, जमशेदपुर, पोटका, घाटशिला, धालभूमगढ़, मुसाबनी के ग्रामीणों को लाभ पहुंचाया गया, पर ग्रामीणों का कहना है कि वास्तविकता बिल्कुल उलटा है. अधिकतर ग्रामीणों की शिकायत है कि उनके खेत तक कोई उपकरण पहुंचे ही नहीं और न ही उन्हें अनुदान की राशि भी मिली. कृषि विभाग के आंकड़ों में कहा गया है कि 2012-13 में 94.33 एकड़ जमीन में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम से सिंचाई की सुविधा देने की बातें कही गयी हैं. इस वर्ष 33 लाभुकों को ड्रिप इरिगेशन के उपकरण दिये जाने की सरकार ने योजना बनायी थी. 2012-13 में केंद्र से इसके लिए 23.43 लाख रुपये की सहायता राशि दी गयी, जबकि किसानों को 7.62 लाख का अनुदान दिया जाना था. राज्य सरकार ने अपने हिस्से का 18.54 लाख रुपये दिये.
चालू वित्तीय वर्ष में मिनी स्प्रिंकलर के तहत 4.66 लाख का प्रावधान कर, 71168 रुपये पांच किसानों को अनुदान देने की योजना बनायी गयी है. इस वित्तीय वर्ष में उपकरणों की खरीद के लिए 24.75 लाख का प्रावधान किया गया है. सूत्रों के अनुसार मां लक्ष्मी इंटरप्राइजेज की ओर से उपकरणों की आपूर्ति की गयी है.