रांची: राष्ट्रीय सूक्ष्म सिंचाई मिशन में गड़बड़ी की जांच के लिए बनी कमेटी भी जांच में कोताही कर रही है. जांच के लिए बनी तीन क मेटियों में से दो ने तो कहीं जांच नहीं की और न ही करायी. तीसरी कमेटी के जांच पदाधिकारी, निदेशक समिति ने तो अपनी जांच नहीं की और न ही वहां गये.
उन्होंने एक रजिस्टर्ड सोसाइटी कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) से जांच करायी. आत्मा ने भी जांच की, तो अभी तक अनगड़ा में. अनगड़ा के पांच लाभुकों की जांच की गयी. रांची जिले के बुढ़मू व कांके प्रखंड के कई मामले सामने आये हैं, जिसमें गड़बड़ी हुई है. पर यहां के लिए बनी कमेटी वहां गयी तक नहीं. केवल अनगड़ा के पांच लाभुकों की स्थिति देख कर रिपोर्ट सौंप दी है.
क्या पाया जांच में : आत्मा ने जांच रिपोर्ट निदेशक समिति को सौंपी है. समिति के सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में पांच लाभुकों के नाम का उल्लेख है. साथ ही परफोर्मा में जांच रिपोर्ट दी गयी है. जांच रिपोर्ट से बहुत सी बातें स्पष्ट नहीं हो रही हैं. लाभुकों ने अपने हिस्से के 10 फीसदी जमा किये थे या नहीं. अगर किये थे, तो कहां. ये सारी चीजें भी स्पष्ट नहीं हो रही हैं. किस तरह कौन सी कंपनियों ने सिस्टम आपूर्ति की. लाभुकों के चयन का आधार क्या रहा, आदि भी स्पष्ट नहीं है.
क्या था सचिव का आदेश : सचिव ने तीन कमेटियां बनायी थीं. इसके लिए अलग-अलग तीन जांच पदाधिकारियों को चुना गया था. निदेशक उद्यान को कांके, नामकुम, रातू, बुढ़मू, बेड़ो व ओरमांझी की जिम्मेवारी सौंपी गयी थी. वहीं निदेशक समिति, झारखंड को अनगड़ा, राहे, सोनाहातू, सिल्ली, तमाड़ व बुंडू तथा संयुक्त निदेशक (अभियंत्रण), भूमि संरक्षण निदेशालय को इटकी, नगड़ी, मांडर, लापुंग, खलारी व चान्हो की जांच की जिम्मेवारी दी गयी थी. सचिव ने सात फरवरी को यह आदेश दिया था कि जांच पदाधिकारी क्षेत्रीय नोडल पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर योजनावार स्थल निरीक्षण करें और 22 फरवरी तक रिपोर्ट सुपूर्द कर दें. साथ ही सारे जांच पदाधिकारी क्षेत्रीय स्तर पर अनियमितताओं को रोकने के लिए सुझाव भी दें.