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छवि रंजन पर भ्रष्टाचार का मुकदमा नहीं चलेगा

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं है महाधिवक्ता ने मरकच्चो डाकबंगला परिसर से पेड़ काटने के मामले में सरकार को यह राय दी रांची : कोडरमा के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं है. महाधिवक्ता ने मरकच्चो […]

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं है
महाधिवक्ता ने मरकच्चो डाकबंगला परिसर से पेड़ काटने के मामले में सरकार को यह राय दी
रांची : कोडरमा के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं है. महाधिवक्ता ने मरकच्चो डाकबंगला परिसर से पेड़ काटने के मामले में सरकार को यह राय दी है. इस राय के बाद सरकार भ्रष्टाचारनिवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत अभियोजन नहीं देगी, जिससे इस अधिकारी के खिलाफ पीसी एक्ट के तहत मुकदमा नहीं चलेगा.
उल्लेखनीय है कि सरकार के निर्देश के बाद निगरानी ने डाक बंगला परिसर से पेड़ काटने के मामले की जांच के बाद छवि रंजन के खिलाफ आइपीसी और पीसी एक्ट के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी. निगरानी की इस मांग पर विचार विमर्श करने के बाद सरकार ने छवि रंजन के विरुद्ध आइपीसी की धारा में लगाये गये आरोपों के मद्देनजर अभियोजन स्वीकृति दे दी थी. हालांकि पीसी एक्ट के मामले में अभियोजन स्वीकृति देने के बिंदु पर महाधिवक्ता की राय मांगी थी. सरकार ने महाधिवक्ता से यह जानना चाहा था कि जांच में मिले साक्ष्य पीसी एक्ट के तहत मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त है या नहीं.
क्या है मामला
मरकच्चो डाक बंगला से पांच सागवान और एक शीशम के पेड़ काटे गये थे. इस मामले मे विधानसभा में हंगामा भी हुआ था. इसके बाद सरकार ने राज्य के वरीय अधिकारियों को हेलीकॉप्टर से जांच के लिए भेजा था.
वरीय अधिकारियों की जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने मरकच्चो थाना में दर्ज प्राथमिकी की जांच निगरानी से कराने का फैसला किया. निगरानी ने मामले की जांच के बाद अन्य अभियुक्तों के साथ तत्कालीन उपायुक्त के खिलाफ भी मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी. निगरानी ने तत्कालीन उपायुक्त के खिलाफ आइपीसी की धाराओं के साथ ही पीसी एक्ट की धाराओं के तहत भी मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी.
राज्य सरकार ने विचार-विमर्श के बाद आइपीसी की धाराओं के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी. अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के खिलाफ पीसी एक्ट के तहत मुकदमा चलाने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति आवश्यक है.इस बात के मद्देनजर सरकार ने इस मामले में महाधिवक्ता की राय मांगी थी.

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