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आबादी के लिहाज से सुधरी रांची की रैंकिंग

रांची : स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 प्रतियोगिता में आबादी के लिहाज से पूरे देश में रांची की रैंकिंग सुधरी है. 10 लाख की आबादी वाले शहरों में रांची 62 से 36 पर, धनबाद 72 से 33 पर और जमशेदपुर 66 से 26 वें रैंक पर पहुंचे हैं. स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 प्रतियोगिता चार जनवरी से शुरू हुई थी, जो […]

रांची : स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 प्रतियोगिता में आबादी के लिहाज से पूरे देश में रांची की रैंकिंग सुधरी है. 10 लाख की आबादी वाले शहरों में रांची 62 से 36 पर, धनबाद 72 से 33 पर और जमशेदपुर 66 से 26 वें रैंक पर पहुंचे हैं.
स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 प्रतियोगिता चार जनवरी से शुरू हुई थी, जो करीब एक महीने तक चली थी. प्रतियोगिता के तहत देशभर के 434 शहरों में स्वच्छता का सर्वेक्षण कराया गया था.
झारखंड की राजधानी रांची के अलावा राज्य के आठ अन्य नगर निकायाें में भी स्वच्छता सर्वेक्षण कराया गया था. इनमें चास, जमशेदपुर, गिरिडीह, हजारीबाग, देवघर, धनबाद, मानगो आैर आदित्यपुर शामिल थे. शहरी विकास मंत्रालय द्वारा कराये गये स्वच्छ सर्वेक्षण का उद्देश्य शहरों और कस्बों को खुले में शौच से मुक्त कराने और नगर पालिका के ठोस कचरा प्रबंधन की प्रक्रिया में सुधार, प्राथमिकता आधारित स्वच्छता के परिदृश्य में सुधार के बारे में जानकारी हासिल करना है. वर्ष 2016 कराये गये स्वच्छता सर्वेक्षण की तुलना में इस वर्ष झारखंड में काफी सुधार हुआ है.
झारखंड के शहरों की रैंकिंग सुधरी है : नगर विकास विभाग के प्रभारी सचिव व स्वच्छ भारत मिशन के मिशन निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि झारखंड के शहरों की रैंकिंग सुधरी है. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकैया नायडू ने भी अपने संबोधन में झारखंड का खासतौर पर जिक्र किया है. उन्होंने कहा है कि दो राज्यों झारखंड और मध्यप्रदेश ने काफी सुधार किया है. श्री शर्मा ने कहा कि इस बार लोगों ने भी काफी सहयोग किया है. लोगों के बीच स्वच्छता को लेकर जागरूकता आयी है, जिसका परिणाम है कि चास टॉप 50 में शामिल है.
वहीं जमशेदपुर, गिरिडीह और हजारीबाग टॉप 100 में शामिल हैं. इस बार निकायों के अधिकारियों ने काफी मेहनत की है. रांची की रैंकिंग भले ही कम रही हो पर कई मामलों में रांची आगे भी है. सबसे बड़ी बात है कि लोगों से लेकर अधिकारियों तक ने इस बार रैंकिंग सुधारने में पूरा जोर लगा दिया. उम्मीद है कि अगले वर्ष और बेहतर किया जायेगा.

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