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पीजी फैशन डिजाइनिंग व एमबीए कोर्स को मंजूरी
वीमेंस कॉलेज में जेनरल बॉडी की बैठक, लिये गये कई महत्वपूर्ण फैसले रांची : रांची वीमेंस कॉलेज में इस सत्र (2017-18) से स्नातकोत्तर फैशन डिजाइनिंग, स्नातकोत्तर सीएनडी अौर एमबीए कोर्स शुरू किये जा रहे हैं. डॉ केके नाग की अध्यक्षता में बुधवार को जेनरल बॉडी की बैठक में एकेडमिक काउंसिल के उक्त प्रस्ताव को स्वीकृति […]
वीमेंस कॉलेज में जेनरल बॉडी की बैठक, लिये गये कई महत्वपूर्ण फैसले
रांची : रांची वीमेंस कॉलेज में इस सत्र (2017-18) से स्नातकोत्तर फैशन डिजाइनिंग, स्नातकोत्तर सीएनडी अौर एमबीए कोर्स शुरू किये जा रहे हैं. डॉ केके नाग की अध्यक्षता में बुधवार को जेनरल बॉडी की बैठक में एकेडमिक काउंसिल के उक्त प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी.
इसके तहत शुल्क का भी निर्धारण किया गया है. स्नातकोत्तर फैशन डिजाइनिंग का प्रति सेमेस्टर शुल्क 12 हजार रुपये अौर और स्नातकोत्तर क्लिनिकल न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स में प्रति सेमेस्टर शुल्क 15 हजार रुपये मंजूर किये गये. बैठक में एमबीए कोर्स की भी मंजूरी मिली. इसका शुल्क का निर्धारण अभी नहीं हुआ है. इसे भी इसी सत्र से शुरू करने की योजना है.
बैठक में कॉलेज में योगा सर्टिफिकेट कोर्स और सेल्फ डिफेंस कोर्स चलाने की प्रशंसा की गयी. डॉ नाग ने कॉलेज में सभी छात्राअों के लिए कंप्यूटर साइंस सर्टिफिकेट कोर्स के तहत भी चलाने का सुझाव दिया. सभी सदस्यों ने इसे अगले सत्र से आरंभ करने पर अपनी सहमति जतायी. बैठक में परीक्षा विभाग के बजट की भी स्वीकृति दी गयी.
साथ ही विभागीय कार्य के लिए एक मारुति इको वाहन खरीदने का निर्णय लिया गया. बैठक में डॉ नाग के अलावा यूजीसी द्वारा नामित सदस्य कालीकट विवि की डॉ सी नसीमा, रांची विवि के डीएसडब्ल्यू डॉ एससी गुप्ता, मेदांता के अधीक्षक डॉ पीडी सिंह, कॉलेज की प्राचार्या डॉ मंजु सिन्हा, प्रोफेसर इंचार्ज डॉ मीना सहाय, डॉ मीना सोरेन आदि उपस्थित थे.
संस्कृत में तीन छात्रा, सभी फेल : रांची वीमेंस कॉलेज जीबी की बैठक में अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों ने हाल में जारी परीक्षाफल की समीक्षा की. संस्कृत विभाग में तीन छात्राएं हैं, तीनों छात्राएं फेल हो गयी हैं.
बैठक में सदस्यों ने इस पर दुख जताया. सदस्यों ने इसके लिए विभाग की शिक्षिकाअों को जिम्मेवार बताया अौर उन्हें पूरी तरह से असफल कहा. बैठक में सदस्यों ने स्मार्ट क्लास से पढ़ाई शुरू कराने करने की सलाह दी. बताया गया कि इस प्रकार से पठन-पाठन कई विभागों में लागू है. बैठक में सत्र 2017-18 के शैक्षणिक कैलेंडर में आंशिक संशोधन कर उसे स्वीकृत कर दिया गया.
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