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सागवान पेड़ कटाई के मामले में अभियंताओं पर कार्रवाई का निर्देश
दो माह में की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट जमा करें : लोकायुक्त रांची. गोड्डा के महगामा प्लांट से सागवान के पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में डीएफअो को विधिसम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. लोकायुक्त डीएन उपाध्याय की अदालत ने यह निर्देश दिया. लोकायुक्त ने पेयजल व स्वच्छता प्रमंडल गोड्डा के तत्कालीन […]
दो माह में की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट जमा करें : लोकायुक्त
रांची. गोड्डा के महगामा प्लांट से सागवान के पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में डीएफअो को विधिसम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. लोकायुक्त डीएन उपाध्याय की अदालत ने यह निर्देश दिया.
लोकायुक्त ने पेयजल व स्वच्छता प्रमंडल गोड्डा के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शंकर पासवान, तत्कालीन सहायक अभियंता रामदेव यादव व तत्कालीन कनीय अभियंता मनोज कुमार पूर्वे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा. कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट दो माह में देने का निर्देश दिया. पेड़ कटाई मामले की पुष्टि एसीबी की जांच में हुई है. वर्ष 2012 में पेड़ कटाई की शिकायत लोकायुक्त कार्यालय में की गयी थी.
पूर्व अभियंता प्रमुख पर मामला दर्ज करने का आदेश
लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय की अदालत ने पेयजल व स्वच्छता विभाग के पूर्व अभियंता प्रमुख मो सज्जाद हसन के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है. उक्त आदेश भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(एसीबी) को दिया गया है.
प्राथमिकी दर्ज करने व की गयी कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट दो माह के अंदर देने का निर्देश दिया. उल्लेखनीय है कि प्रारंभिक जांच में एसीबी ने पाया था कि पूर्व अभियंता प्रमुख मो सज्जाद हसन ने अपने ज्ञात आय से 15 लाख 49 हजार 75 रुपये अधिक की संपत्ति अर्जित की है. उनकी कुल आय 69 लाख 87 हजार 967 रुपये थी, जबकि उन्होंने 85 लाख 37 हजार 42 रुपये की संपत्ति अर्जित की.
सात महीने में साफ नहीं हो सकी रांची
राजधानी रांची की सफाई व्यवस्था बड़े तामझाम के साथ ‘रांची एमएसडब्ल्यू’ (रांची नगर निगम और एस्सेल इंफ्रा का ज्वाइंट वेंचर) को सौंपी गयी थी. कंपनी को कार्य सौंपते वक्त बड़े-बड़े वादे किये गये थे. वेब पोर्टल और मोबाइल एप लांच करने की बात हुई थी. रांचीवासियों को ऐसे सपने दिखाये गये थे कि राजधानी अब साफ-सफाई के मामले में स्वर्ग बन जायेगा, लेकिन करीब सात महीने बाद भी शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पायी है.
रांची : रांची नगर निगम और एस्सेल इंफ्रा का ज्वाइंट वेंचर ‘रांची एमएसडब्ल्यू’ ने वर्ष 2017 के प्रारंभ में ही शहर के सभी 55 वार्डों में सफाई व्यवस्था संभालने का दावा किया था. हालांकि, अब तक कंपनी केवल 20 वार्डों में ही सफाई कार्य शुरू करा पायी है.
कंपनी शहर के सभी वार्डों में सफाई व्यवस्था का कार्य कब से संभालेगी, यह बताने की स्थिति में न तो रांची नगर निगम के अधिकारी सक्षम हैं, और न ही रांची एमएसडब्ल्यू के अधिकारी. शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने की जितनी जिम्मेवारी रांची एमएसडब्ल्यू की थी, उससे कहीं अधिक रांची नगर निगम के जनप्रतिनिधियों और उसके अधिकारियों की थी.
लेकिन ये लोग तीन महीने से आपसी शह-मात के खेल में ऐसे उलझे कि शहर की सफाई व्यवस्था का मुद्दा इनके सामने गौण हो गया. उधर, इस दौरान सफाई कर्मचारियों ने भी सात बार से अधिक समय तक हड़ताल कर दी. लेकिन किसी को इन कर्मचारियों की समस्याओं के निदान की चिंता नहीं थी.
चार ट्रांसफर स्टेशन से 20 वार्डों में हो रही है सफाई : दो अक्तूबर से शुरू हुए इस अभियान के तहत अब तक कंपनी ने केवल चार कचरा ट्रांसफर स्टेशन का ही निर्माण किया है. ये कचरा ट्रांसफर स्टेशन मोरहाबादी, खेलगांव, कांटाटोली व हरमू रोड में बनाये गये हैं. इन चारों ट्रांसफर स्टेशन से इसके आसपास के 20 वार्डों को ही कवर किया जाता है.
हालांकि, इन वार्डों में भी सफाई व्यवस्था की स्थिति बेहतर नहीं है. कंपनी के कर्मचारी जहां प्रतिदिन कूड़ा उठाने आते थे. वहीं अब पांच-सात दिन में कचरा उठाया जाता है. जानकारी के अनुसार कंपनी ने अपने शुरुआती में दिनों में जितने सफाई के वाहन लगाये थे. उन वाहनों की संख्या में भी कंपनी ने कटौती कर दी है. उधर, बाकी के बचे 35 वार्डों में साफ सफाई की व्यवस्था नारकीय है. यहां न तो कूड़े का उठाव नियमित रूप से हो रहा है.
और न ही नालियों की सफाई सही तरीके से हो रही है. निगम ने अब तक कंपनी को एक रुपये भी नहीं दिये : रांची एमएसडब्ल्यू को रांची नगर निगम की ओर से अब तक एक रुपये का भी भुगतान नहीं किया गया है. कंपनी और निगम का ज्वाइंट अकाउंट (स्क्रू अकाउंट) खुलना था, जो अब तक नहीं खुला. इस पर निगम के अधिकारियों का कहना है कि जब तक कंपनी का स्क्रू अकाउंट नहीं खुल जाता है, निगम उसे एक रुपये का भी भुगतान नहीं करेगा. प्राप्त सूचना के अनुसार कंपनी ने पिछले छह माह से किये गये सफाई कार्यों के अनुसार निगम से कूड़ा उठाने के एवज में 2.50 करोड़ रुपये का बिल भी सौंपा है.
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