इनके स्थान पर किसी दूसरे को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया जाये. एनजीटी ने सरकार की इस दलील को नहीं मना और अंचल से जमीन के कागजात नहीं उपलब्ध करने के मामले में भू-राजस्व सचिव को एनटीजी के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया.
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वन व भू-राजस्व सचिव को एनजीटी ने किया तलब
रांची: हजारीबाग के धोबिया तालाब अतिक्रमण और प्रदूषण मामले की सुनवाई कर रही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी), कोलकाता ने दो मई को राज्य के वन विभाग सचिव और भू-राजस्व विभाग के सचिव को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है. दोनों अधिकारियों पर विभाग की ओर एनजीटी द्वारा तय कोर्ट कमिश्नर को सुविधा और […]
रांची: हजारीबाग के धोबिया तालाब अतिक्रमण और प्रदूषण मामले की सुनवाई कर रही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी), कोलकाता ने दो मई को राज्य के वन विभाग सचिव और भू-राजस्व विभाग के सचिव को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है. दोनों अधिकारियों पर विभाग की ओर एनजीटी द्वारा तय कोर्ट कमिश्नर को सुविधा और कागजात नहीं उपलब्ध कराने का आरोप है. एनजीटी सविता कुमारी की एक याचिका की सुनवाई कर रहा है.
मालूम हो कि धोबिया तालाब में अतिक्रमण मामले की सुनवाई कर रही एनटीजी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य सरकार की रिपोर्ट के बाद रेंजर अनिल कुमार को कोर्ट कमिश्नर बनाया था. बोर्ड और राज्य सरकार की रिपोर्ट को सविता कुमारी ने चुनौती दी थी. श्री कुमार को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देनी थी. तीन मार्च को एनजीटी ने आदेश दिया था कि वन विभाग श्री कुमार के आने-जाने की व्यवस्था करे. अन्य सुविधा भी उपलब्ध कराये. श्री कुमार द्वारा जिला प्रशासन और वन विभाग को चार-चार बार पत्र लिख कर सहयोग मांगा गया था. सुनवाई के दौरान वन सचिव ने श्री कुमार की नियुक्ति को चुनौती दी. कहा कि श्री कुमार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं.
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