इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से शपथ पत्र दायर कर अदालत को बताया गया कि सरकार ने रैयतों को मुआवजा देकर जमीन अधिग्रहित की है. योजना के तहत मां छिन्नमस्तिका मंदिर के आसपास पांच एकड़ एरिया में सौंदर्यीकरण का कार्य किया जायेगा. यह योजना वर्ष 1996 से लंबित है. अवैध रूप से बसे दुकानदारों को वहां से नहीं हटाये जाने के कारण योजना लागू नहीं हो पा रही थी. दुकानदार अधिग्रहित जमीन पर झोपड़ी बना दुकान लगाते हैं आैर योजना को पूरा होने नहीं देना चाहते हैं. इस कारण श्रद्धालुअों व आम लोगों को परेशानी हो रही है.
कई अतिक्रमणकारी दुकानदारों ने स्वेच्छा से कब्जा हटा लिया है. सरकार वैसे दुकानदारों के विषय में भविष्य में पुनर्विचार करेगी. यदि शेष बचे दुकानदार भी वहां से हट जाते हैं, तो सरकार उनके पुनर्वास पर भी विचार कर सकती है. वहीं प्रार्थियों की अोर से कहा गया कि मां छिन्नमस्तिका मंदिर परिसर में पांच-छह दशक से दुकान लगा कर पूजा सामग्री बेच कर अपने परिवार का जीवनयापन करते हैं. अधिवक्ता ने दुकानों को नहीं हटाने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी संजय लाल खन्ना व अन्य की ओर से याचिका दाखिल की गयी थी.