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दुकानों का किराया बढ़ाने का निर्णय अव्यवहारिक
पंडरा बाजार समिति पर चेंबर ने कहा रांची : कृषि बाजार समिति, पंडरा की दुकानों और गोदामों का किराया बढ़ाने के निर्णय का झारखंड चेंबर ने विरोध किया है. इस मुद्दे को लेकर चेंबर भवन में मंगलवार को बैठक हुई. व्यवसायियों ने कहा कि 1984 में अपर बाजार से व्यवसायियों को जबरदस्ती पंडरा बाजार ले […]
पंडरा बाजार समिति पर चेंबर ने कहा
रांची : कृषि बाजार समिति, पंडरा की दुकानों और गोदामों का किराया बढ़ाने के निर्णय का झारखंड चेंबर ने विरोध किया है. इस मुद्दे को लेकर चेंबर भवन में मंगलवार को बैठक हुई.
व्यवसायियों ने कहा कि 1984 में अपर बाजार से व्यवसायियों को जबरदस्ती पंडरा बाजार ले जाया गया था. उस समय बाजार समिति पर वर्ल्ड बैंक का करोड़ों रुपये बकाया था. बकाये का भुगतान बाजार समिति के व्यापारियों से मार्केट फीस और किराया वसूल कर दिया गया. उस समय बाजार समिति वीरान थी. अब उस जगह की स्थिति सुधरने के बाद भाड़ा में अप्रत्याशित वृद्धि की बात करना गलत है.
उस समय 25 पैसे किराया था, जिसे वर्ष 1995 में 2 रुपये प्रति वर्गफीट किया गया. आज बाजार समिति के पास 100 करोड़ रुपये से अधिक का फिक्स डिपोजिट जमा है. लेकिन राज्य में स्थित सभी कृषि मंडियों की स्थिति दयनीय है. किसी भी बाजार समिति में पेयजल, शौचालय, सड़क, सुरक्षा, लाइट सहित कई मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं करायी जाती हैं.
व्यवसायियों ने एक स्वर में कहा कि यदि बाजार समिति का किराना बढ़ाना है, तो इसके पूर्व झारखंड चेंबर के साथ बैठक की जाये. बैठक में होनेवाली सहमति पर विचार किया जायेगा. अन्यथा किसी भी किराया वृद्धि का फैसला व्यवसायियों को मान्य नहीं होगा. चेंबर अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने कहा कि किसी भी निर्णय को अंतिम रूप देने से पूर्व व्यापारियों के साथ बैठक अवश्य करनी चाहिए. बैठक में रांची चेंबर के अध्यक्ष शंभु गुप्ता, हरि कानोडिया, प्रवीण जैन छाबड़ा, संजय महुरी, रमेश शर्मा आदि उपस्थित थे.
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